संसद के उच्च सदन के सभपति जगदीप धनखड़ नाराज होकर कुर्सी से उठकर चले गए। वे विपक्षी दलों के नेताओं की नारेबाजी से नाराज थे। उन्होंने कहा कि आज यहा जो हुआ, वह ठीक नहीं है। यहां मुझे नहीं, बल्कि सभापति के पद को चुनौती दी जा रही है। विपक्ष के नेता मेरे खिलाफ टिप्पणी कर रहा है। मेरा अपमान कर रहे हैं। ऐसे में में इस कुर्सी पर बैठने के लिए खुद को सक्षम नहीं पा रहा हूं। इस बीच विपक्षी दलों ने सदन से वॉकआउट कर दिया।
दरअसल, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे सदन में विनेश फोगाट के मुद्द को उठाना चाह रहे थे। इसकी अनुमति नहीं मिलने पर विपक्षी नेता नारेबाजी करने लगे। इस पर ही सभापति नाराज हो गए। धनखड़ ने कहा कि विपक्ष को लगता है कि सिर्फ उन्हीं का दिल दुख रहा है। पूरा देश उस लड़की की वजह से दुखी है। हर कोई इस स्थिति को साझा कर रहा है, लेकिन इसका फायदा उठाना, इसका राजनीतिकरण करना उस लड़की का सबसे बड़ा अपमान है। उस लड़की को अभी बहुत आगे जाना है।
उन्होंने कहा कि दुखी मन से… मैं अपनी शपथ से दूर नहीं भाग रहा हूं। पर जो आज मैंने देखा है। जिस तरह का व्यवहार सदस्यों ने किया है। शारीरिक रूप से किया है। जिस तरह का व्यवहार इधर से (विपक्ष) भी हुआ है। कुछ समय के लिए मैं यहां बैठने में अपने आपको सक्षम नहीं पा रहा हूं। इससे पहले धनखड़ ने तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओब्रायन के व्यवहार की निंदा की। उन्होंने कहा कि आप चेयर पर चिल्ला रहे हैं। मैं इस व्यवहार की निंदा करता हूं। क्या कोई इस तरह के आचरण को बर्दाश्त कर सकता है?
इससे पहले केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि पूरा देश विनेश फोगट के साथ खड़ा है। प्रधानमंत्री ने कल उन्हें ‘चैंपियन ऑफ चैंपियंस’ कहा और प्रधानमंत्री की आवाज 140 करोड़ लोगों की आवाज है। दुर्भाग्य से हम इसे सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच बांट रहे हैं। दुर्भाग्य से विपक्ष के पास कोई ठोस मुद्दा नहीं है, जिस पर वे चर्चा करना चाहते हों और जिसके लिए सत्ता पक्ष तैयार हो। मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि भारत सरकार, खेल मंत्रालय और आईओसी ने सभी मंचों पर समाधान की कोशिश की है।