नई दिल्ली में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद ने पिछले कुछ दिनों से जनता दल (यू) में गुटबाजी की अटकलों को विराम लगाते हुए पार्टी ने अपने संस्थापक नीतीश कुमार फिर से राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना है। बैठक में पहले ललन सिंह ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया और कुमार के नाम का प्रस्ताव रखा। पार्टी के इस प्रस्ताव को नीतीश कुमार ने स्वीकार कर लिया।
दिल्ली के कंस्टीटय़ूशन क्लब में आयोजित जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद की बैठक में अध्यक्ष राजीव रंजनंिसह ऊर्फ ललनंिसह ने इस्तीफा देने की पेशकश की और नीतीश कुमार को अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव किया। बैठक में शामिल सदस्यों ने सर्वसम्मति से नीतीश कुमार को अध्यक्ष बनाने के प्रस्ताव को पारित कर दिया। बैठक समाप्त होने के बाद सिंह और त्यागी की मौजूदगी में नीतीश कुमार ने कहा, ललनंिसह ने इस्तीफा दे दिया है। हमने पुन: राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद को स्वीकार कर लिया है। कुमार ने 2024 लोकसभा चुनाव की तैयारी के मद्देनजर झारखंड से जातीय जनजारण अभियान चलाने की घोषणा की है।
बैठक में विपक्षी दलों को एक साथ लाने और जातिगत जनगणना की मांग की अगुवाई करने में नीतीश कुमार की भूमिका की सराहना की गई। जदयू के वरिष्ठ नेता व मुख्य प्रवक्ता के सी त्यागी ने कहा कि कार्यकारिणी बैठक में ललन सिंह ने अध्यक्ष पद छोड़ने और नीतीश कुमार के नाम का प्रस्ताव करते हुए कहा कि 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले इस महत्वपूर्ण मोड़ पर पार्टी को उनके नेतृत्व की आवश्यकता होगी, जबकि वह खुद अपना चुनाव लड़ने में व्यस्त होंगे।
जदयू सूत्रों का कहना है कि नीतीश कुमार की जानकारी के बिना ललन सिंह ने पटना में 12 विधायकों की बैठक बुलायी थी। नीतीश कुमार ने इसे पार्टी विरोधी गतिविधि माना । उन्होंने दिल्ली में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बुलायी और ललन सिंह को इस्तीफा हो गया। नीतीश कुमार ने 2024 के चुनाव की तैयारियों के तहत देशभर में जनजागरण अभियान चलाने का फैसला किया है। वह 21 जनवरी को झारखंड से अपने अभियान की शुरुआत करेंगे। केसी त्यागी ने कहा कि जातीय जन गणना को देशभर से समर्थन मिल रहा है।