पश्चिम बंगाल के नदिया जिले से खबर आई कि जहां बांग्लादेश की सीमा से सटे कुछ गांवों में लोगों के आधार कार्ड को निष्क्रिय कर दिया गया है। जानकारी के मुताबिक नदिया जिले में 600-700 लोगों के आधार कार्ड को निष्क्रिय कर दिया गया है। जिस इलाके में लोगों का आधार कार्ड निष्क्रिय किया गया है वो मतुआ समाज से आते हैं। आधार कार्ड के मुद्दे को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र के खिलाफ नया हथियार बना लिया है। ममता बनर्जी ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित एक पत्र में आरोप लगाया है कि राज्य में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों के आधार कार्ड निष्क्रिय कर दिए गए हैं। उन्होंने कथित कदम को प्राकृतिक न्याय का घोर उल्लंघन भी बताया। बनर्जी के पत्र में लिखा है कि मैं आपके ध्यान में पश्चिम बंगाल में लोगों विशेषकर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ओबीसी समुदायों के आधार कार्डों को अंधाधुंध निष्क्रिय करने की गंभीर प्रकृति की अचानक घटना लाना चाहती हूं।
तृणमूल सुप्रीमो ने आगे आरोप लगाया कि उक्त समुदाय के सदस्यों को बिना किसी पूर्व सूचना के आधार कार्ड निष्क्रिय कर दिया गया है। ममता बनर्जी ने कहा कि यह पता चला है कि नई दिल्ली में यूआईडीएआई का प्रधान कार्यालय, बिना किसी क्षेत्रीय जांच या व्यक्तियों को सुने और राज्य सरकार को विश्वास में लिए, सीधे व्यक्तियों और परिवार के सदस्यों को पत्र जारी कर उनके आधार कार्ड को निष्क्रिय करने के बारे में सूचित कर रहा है। पीएम को लिखे पत्र में कहा गया है कि “बड़ी संख्या में” पीड़ित लोग निवारण के लिए राज्य प्रशासन के पास पहुंच रहे हैं। इस मामले को लेकर राज्य का हर नागरिक खौफ में है। मैं आपसे बिना कारण बताए आधार कार्ड को निष्क्रिय करने की ऐसी अचानक कार्रवाई के कारणों के बारे में जानना चाहती हूं।