ड्राइविंग लाइसेंस के लिए छह साल का अथक प्रयास आखिरकार रंग लाया और केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने खुद 32 वर्षीय दिव्यांग जिलुमोल एम. थॉमस को दस्तावेज सौंपा। बगैर हाथों के जन्मीं जिलुमोल अपने पैरों का उपयोग करके कार चलाने का सपना देखा था लेकिन उसके अनुरोध को तकनीकी आधार पर चुनौती दी गई थी।
फ्रीलांस डिजाइनर जिलुमोल ने कहा, आवाजाही मेरे लिए सबसे बड़ी बाधा थी। अब मैं उत्साहित हूं। मुझे लाइसेंस मिल गया है। मैंने अपनी सबसे बड़ी बाधा पार कर ली है। पहली बाधा तब दूर हुई थी जब एर्नाकुलम जिले के वदुथला में ड्राइ¨वग स्कूल छात्र के रूप में पंजीकृत करने सहमत हो गया। ड्राइ¨वग स्कूल के मालिक जोपान ने कहा, हम बहुत आस्त नहीं थे, लेकिन उसने अपने धैर्य, दृढ संकल्प और प्रतिबद्धता से हमारी धारणाओं को गलत साबित कर दिया। कोच्चि की वीआई इनोवेशन प्राइवेट लिमिटेड ने जिलुमोल की 2018 मारुति सेलेरियो में आवश्यक तकनीक संशोधन कर कार को उनके चलाने लायक बनाया है। राज्य दिव्यांग आयोग ने सहयोग करते हुए मोटर वाहन विभाग को लाइसेंस को मंजूरी देने का निर्देश दिया।