नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में त्वरित न्याय की आवश्यकता पर जोर देते हुए शनिवार को कहा कि इससे महिलाओं में अपनी सुरक्षा को लेकर भरोसा बढ़ेगा। प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी कोलकाता के एक डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या तथा महाराष्ट्र के ठाणो में दोंिकडरगार्टन (केजी) की लड़कियों पर यौन हमले की पृष्ठभूमि में आई है।
मोदी ने कहा कि न्यायपालिका को संविधान का संरक्षक माना जाता है और उच्चतम न्यायालय एवं न्यायपालिका ने इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाया है। प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की उपस्थिति में जिला न्यायपालिका के राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए मोदी ने महिलाओं के खिलाफ अत्याचार और बच्चों की सुरक्षा के ‘ज्वलंत मुद्दे’ का जिक्र किया और कहा कि यह गंभीर चिंता का विषय है। महिलाओं की सुरक्षा के लिए कानूनों में कड़े प्रावधान किए जाने का जिक्र करते हुए 2019 में शुरू की गई त्वरित विशेष अदालत योजना का जिक्र किया।
उन्होंने कहा, ‘महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के मामलों में जितनी तेजी से फैसला सुनाया जाएगा, आधी आबादी को अपनी सुरक्षा के बारे में उतना ही अधिक भरोसा होगा।’ उन्होंने कहा कि जिला न्यायाधीश, जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस अधीक्षक वाली जिला निगरानी समितियां महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। आपराधिक न्याय पण्राली के विभिन्न पहलुओं के बीच समन्वय स्थापित करने में पैनल की महत्वपूर्ण भूमिका की ओर इशारा करते हुए मोदी ने इन समितियों को और अधिक सक्रिय बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। कोलकाता की घटना पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सरकार और केंद्र की राजग सरकार के बीच टकराव का मुद्दा भी बन गई है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को मोदी को पत्र लिखकर बलात्कार और हत्या जैसे जघन्य अपराधों के लिए कठोर केंद्रीय कानून और कठोर सजा के प्रावधान का अनुरोध दोहराया। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के लोगों ने कभी भी सुप्रीम कोर्ट या न्यायपालिका के प्रति कोई अविास नहीं दिखाया है।
प्रधानमंत्री ने आपातकाल लागू किए जाने को एक ‘काला’ दौर बताते हुए कहा कि न्यायपालिका ने मौलिक अधिकारों को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाई। मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों पर कहा कि न्यायपालिका ने राष्ट्रीय हितों को सवरेपरि रखते हुए राष्ट्रीय अखंडता की रक्षा की है। कोलकाता में एक महिला चिकित्सक से बलात्कार एवं उसकी हत्या और ठाणो के एक स्कूल में दो बच्चियों के यौन उत्पीड़न के मामलों की पृष्ठभूमि में उन्होंने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अत्याचार और बच्चों की सुरक्षा समाज के लिए गंभीरंिचता का विषय हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के मामलों में जितनी तेजी से न्याय मिलेगा आधी आबादी को अपनी सुरक्षा को लेकर उतना ही अधिक भरोसा होगा।