भारत की स्टार शूटर मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक 2024 में इतिहास रच दिया। वह ओलंपिक में पदक जीतने वाली देश की पहली महिला निशानेबाज बन गईं। उन्होंने महिलाओं के व्यक्तिगत 10 मीटर एयर पिस्टल फाइनल में कांस्य पदक जीता। अब मनु अगर आज सरबजोत सिंह के साथ मिश्रित टीम 10 मीटर एयर पिस्टल फाइनल में भारत को एक और कांस्य पदक दिलाती हैं तो वह बड़ा इतिहास रच सकती हैं। अगर मनु एक और कांस्य पदक जीतती हैं, तो वह एक ही ओलंपिक खेलों में दो पदक जीतने वाली स्वतंत्र भारत की पहली एथलीट बन जाएंगी।
एकमात्र भारतीय एथलीट जिन्होंने पहले ऐसा किया है, वह नॉर्मन प्रिचर्ड हैं जिन्होंने 1900 के खेलों के दौरान एथलेटिक्स में दो रजत पदक जीते थे। तब भारत ब्रिटिश शासन के अधीन था। प्रिचार्ड के बाद कोई भी भारतीय एथलीट एक ही ओलंपिक में दो पदक जीतने में कामयाब नहीं हुआ है। हालांकि, कुछ भारतीय एथलीट हैं जिन्होंने अपने करियर में ओलंपिक खेलों में कुल मिलाकर दो पदक जीते हैं। इनमें सुशील कुमार (कुश्ती) और पीवी सिंधु (बैडमिंटन) शामिल हैं। सुशील ने लंदन 2012 में रजत पदक जीतने से पहले बीजिंग 2008 खेलों में कांस्य पदक जीता था। ऐसा करते ही वह स्वतंत्रता के बाद दो अलग-अलग ओलंपिक में एक से अधिक पदक जीतने वाले भारत के पहले व्यक्तिगत एथलीट बन गए।
बैडमिंटन खिलाड़ी सिंधू ने रियो ओलंपिक में रजत पदक जीता। तब वह फाइनल में स्पेन की कैरोलिना मारिन से हार गई थीं। यह पहली बार था जब भारत ने ओलंपिक बैडमिंटन में रजत पदक जीता था। सिंधू ने बाद में टोक्यो 2020 में कांस्य पदक जीता। सिंधू ओलंपिक खेलों में कई पदक जीतने वाली भारत की एकमात्र महिला एथलीट हैं। हालांकि, उन्होंने ऐसा दो अलग-अलग संस्करणों में किया है।
मनु का मामला सुशील और सिंधू से काफी अलग है क्योंकि वह स्वतंत्रता के बाद एक ही ओलंपिक खेलों में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय बन सकती हैं। मनु भाकर और सरबजोत सिंह कांस्य पदक के मैच में ओह ये जिन और ली वोन्हो की कोरियाई जोड़ी से भिड़ेंगे। मनु और सरबजोत ने क्वालिफायर में 580 अंक जुटाकर तीसरा स्थान हासिल किया था, जबकि कोरियाई जोड़ी 579 अंक के साथ चौथे स्थान पर रही थी। ओलंपिक खेलों के चौथे दिन भारतीय जोड़ी अपने क्वालिफिकेशन प्रदर्शन को दोहराने की उम्मीद करेगी।