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रामनवमी के दिन राम लाल भक्तों को 19 घंटे दर्शन देंगे

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रामनवमी के दिन राम लाल भक्तों को 19 घंटे दर्शन देंगे श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने केवल राम जन्मोत्सव के दिन यानी 17 अप्रैल को ही दर्शन की अवधि बढ़ाने का निर्णय लिया है। राम जन्मोत्सव के दिन सुबह 3:30 बजे से ही भक्त दर्शन के लिए लाइन में लग सकेंगे। रात 11 बजे तक श्रृंगार, राग-भोग व दर्शन साथ-साथ चलते रहेंगे।

रामनवमी मेले में श्रद्धालुओं को दी जा रही सुविधाओं के बारे में जानकारी देते हुए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि बताया कि श्रीराम नवमी महोत्सव के दौरान मंगला आरती के बाद ब्रह्म मुहूर्त में अति प्रातः 3:30 बजे से अभिषेक, श्रृंगार एवं दर्शन साथ-साथ चलते रहेंगे। श्रृंगार आरती प्रातः 5:00 बजे होगी। श्री रामलला का दर्शन एवं सभी पूजा-विधि यथावत साथ-साथ चलती रहेगी। भगवान को भोग लगाने के लिए समय-समय पर अल्प-काल को पर्दा रहेगा। रात्रि 11:00 बजे तक दर्शन का क्रम पूर्ववत चलता रहेगा। इसके बाद परिस्थिति अनुसार भोग एवं शयन आरती होगी।

तीर्थ क्षेत्र की ओर से बताया गया कि रामनवमी पर शयन आरती के बाद मंदिर निकास मार्ग पर प्रसाद मिलेगा। दर्शनार्थी अपना मोबाइल, जूता, चप्पल, बड़े बैग एवं प्रतिबंधित सामग्री आदि मंदिर से दूर सुरक्षित रखकर आएं। बताया कि वीआईपी दर्शन पर रोक एक दिन बढ़ा दी गई है अब 19 अप्रैल तक वीआईपी दर्शन पर रोक रहेगी। सुगम दर्शन पास, वीआईपी दर्शन पास, मंगला आरती पास, श्रृंगार आरती पास एवं शयन आरती पास नहीं बनेंगे।
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सुग्रीव किला के नीचे, बिड़ला धर्मशाला के सामने, श्री रामजन्मभूमि प्रवेश द्वार पर ”श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र” की ओर से यात्री सेवा केंद्र बनाया गया है जिसमें जन-सुविधाएं उपलब्ध हैं। यहां श्रद्धालुओं के बैठने से लेकर इलाज तक के इंतजाम है। चंपत राय ने दोहराया कि श्री राम जन्मभूमि मंदिर में संपन्न होने वाले सभी कार्यक्रमों का सजीव प्रसारण अयोध्या नगर निगम क्षेत्र में लगभग 80 से 100 स्थानों पर एलईडी स्क्रीन लगाकर किया जाएगा।

राम मंदिर निर्माण के प्रभारी गोपाल राव ने बताया कि 16 और 18 अप्रैल को रामलला का दर्शन सुबह 6 बजे से ही शुरू हो जाएगा। अभी रामलला के दर्शन 6:30 बजे की श्रृंगार आरती के बाद शुरू होते हैं।

चम्पत राय ने कहा है कि श्रद्धालुओं से अनुरोध है केवल राम नवमी के दिन सभी कार्यक्रमों का आनंद घर बैठे अथवा जो जहाँ हो, मोबाइल पर, टेलीविजन पर और स्थान-स्थान पर लगी हुई एल.ई.डी. स्क्रीन पर देखकर, प्रभु श्री राम जी की कृपा प्राप्त कर, जीवन धन्य करें। राम नवमी के बाद अपनी सुविधानुसार अयोध्या धाम आकर प्रभु श्री रामलला जी के दर्शन लाभ कर, प्रसाद ग्रहण करें। राम नवमी के दिन अनावश्यक भाग-दौड और परेशानी से बचें।

हनुमानगढ़ी में पहली बार जारी हुई दर्शन की समय सारणी, 18 अप्रैल तक लागू रहेगी नई समय सारणी
रामलला के मंदिर के बाद अब हनुमानगढ़ी का भी दर्शन शेड्यूल जारी किया गया है। पहली बार हनुमानगढ़ी में दर्शन की समय सारणी जारी की गई है। रामनवमी को देखते हुए 15 से 18 अप्रैल तक दर्शन का शेड्यूल जारी किया गया है।

हनुमानगढ़ी के गद्दीनशीन महंत प्रेमदास की ओर से दर्शन की समय सारणी जारी की गई है । इसकी जानकारी देते हुए संकट मोचन सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत संजय दास ने बताया कि नया दर्शन शेड्यूल 15 अप्रैल से लागू हो गया है। नए शेड्यूल के अनुसार हनुमानगढ़ी पर सुबह 3:00 से 4:00 तक हनुमान जी की आरती पूजा और श्रृंगार होगा। दर्शनार्थियों का प्रवेश प्रातः 4:00 बजे से शुरू हो जाएगा।

इसके बाद मंदिर का पट दोपहर 12:00 से 12:20 तक बंद रहेगा। भोग और आरती के लिए दर्शन प्रवेश प्रतिबंधित किया जाएगा। दोपहर 3:00 बजे से 3:20 तक आरती पूजा के लिए दर्शन बंद किया जाएगा। संध्या आरती में रात 10 बजे से 10:30 बजे तक श्रद्धालुओं का प्रवेश बाधित रहेगा। रात 11:30 पर हनुमानगढ़ी पर शयन आरती होगी। शयन आरती के बाद हनुमानगढ़ी बंद कर दिया जाएगा।


श्रद्धालुओं के लिए रामनवमी के दिन स्पेशल व्यवस्थाएं होगी।रामनवमी 17 अप्रैल को हनुमान जी का दर्शन पूजन और आरती का दौर रात 2:30 बजे से ही शुरू हो जाएगा। सुबह 3:30 पर दर्शनार्थियों का प्रवेश शुरू हो जाएगा। इसके बाद दोपहर 11:45 से 12:20 तक भगवान राम के जन्म आरती के लिए हनुमानगढ़ी का कपाट बंद रहेगा । रामनवमी को दोपहर की आरती 3:00 से 3:20 तक होगी। इसके बाद रात 10:00 बजे 10:30 बजे तक संध्या आरती होगी संध्या आरती में भी प्रवेश बंद रहेगा। आमजन के लिए रात 11:30 बजे हनुमान लला का बंद पट हो जाएगा।

राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि रामनवमी पर भगवान रामलला के ललाट पर सूर्य किरण 12:16 मिनट के करीब 5 मिनट तक पड़ेगी, इसके लिए महत्वपूर्ण तकनीकी व्यवस्था की जा रही है। वैज्ञानिक इस अलौकिक पलों को पूरी भव्यता से प्रदर्शित करने के लिए जुटे हुए हैं। उन्होंने बताया कि मंदिर का बचा हुआ कार्य भी दिसंबर 2024 तक पूरा हो जाएगा।


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