crossorigin="anonymous"> व्हाइट हाउस ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध ली और केवल यूक्रेन-रूस युद्ध पर ध्यान केंद्रित किया - Sanchar Times

व्हाइट हाउस ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध ली और केवल यूक्रेन-रूस युद्ध पर ध्यान केंद्रित किया

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राष्ट्रपति जो बाइडेन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच एक फोन कॉल के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा जारी रीडआउट में पीएम मोदी और बाइडेन ने बांग्लादेश की स्थिति पर अपनी साझा चिंता व्यक्त की है। व्हाइट हाउस ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध ली और केवल यूक्रेन-रूस युद्ध पर ध्यान केंद्रित किया। माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट पर एक पोस्ट में पीएम मोदी ने कहा कि बाइडेन के साथ कॉल के दौरान उन्होंने यूक्रेन की स्थिति सहित विभिन्न क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों का विस्तृत आदान-प्रदान किया। प्रधान मंत्री ने कहा, “मैंने शांति और स्थिरता की शीघ्र वापसी के लिए भारत का पूर्ण समर्थन दोहराया।

विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया उन्होंने (पीएम मोदी और बिडेन) कानून और व्यवस्था की बहाली और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, विशेषकर हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर जोर दिया। दूसरी ओर, व्हाइट हाउस के रीडआउट में बांग्लादेश का कोई संदर्भ नहीं था, जिसमें कहा गया था कि दोनों नेताओं ने पीएम मोदी की पोलैंड और यूक्रेन की हालिया यात्रा के साथ-साथ सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठकों पर भी चर्चा की। बांग्लादेश में संकट पर अमेरिका काफी हद तक चुप रहा है, जहां सरकारी नौकरियों के लिए विवादास्पद कोटा प्रणाली को लेकर बड़े पैमाने पर छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया था। सप्ताह भर चली हिंसा में 500 से अधिक लोग मारे गए, जिससे हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग सरकार गिर गई।

एक्स पर एक पोस्ट में बाइडन ने कहा कि मैंने प्रधानमंत्री मोदी की पोलैंड और यूक्रेन की हालिया यात्रा पर चर्चा करने के लिए फोन पर उनसे बात की और यूक्रेन के लिए शांति के संदेश औरमानवीय समर्थन को लेकर उनकी सराहना की। उन्होंने कहा, हमने हिंद-प्रशांत में शांति और समृद्धि में योगदान देने के लिए मिलकर काम करने की अपनी प्रतिबद्धता की भी पुष्टि की। मोदी की रूस, पोलैंड और यूक्रेन की यात्रा तथा बांग्लादेश के हालिया घटनाक्रम के बाद दोनों नेताओं के बीच यह पहली बातचीत थी। व्हाइट हाउस ने बताया कि दोनों नेताओं ने मोदी की पोलैंड और यूक्रेन की हालिया यात्रा के साथ-साथ सितंबर में प्रस्तावित संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठकों पर भी चर्चा की।


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