अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने इज़राइल पर हमास द्वारा किए गए बर्बर आतंकी हमले को यहूदियों के लिए ‘यहूदी नरसंहार’ के बाद का ‘सबसे घातक दिन’ करार देते हुए कहा कि इसने सदियों तक की यहूदी विरोधी भावना और उनके खिलाफ नरसंहार की दर्दनाक यादों को ताजा कर दिया है। बाइडन ने कहा, अमेरिका इज़राइल के हालात पर लगातार बारीकी से नजर बनाए हुए है।
बाइडन ने बुधवार को कहा, हम इज़राइल में स्थिति की बहुत बारीकी से निगरानी कर रहे हैं। उपराष्ट्रपति और मैं तथा मेरी सुरक्षा टीम के अधिकतर सदस्यों ने आज सुबह फिर इज़राइल प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से बात की। उन्होंने कहा, इस हमले ने सदियों तक यहूदी विरोधी भावना और यहूदी लोगों के खिलाफ नरसंहार की दर्दनाक यादों और जख्मों को फिर से हरा कर दिया है। बाइडन ने यहूदी समुदाय के नेताओं से भेंट की और आतंकी हमलों पर इज़राइल के प्रति अपने अटूट समर्थन की पुष्टि की। बाइडन ने कहा, यह हमला पूरी तरह से क्रूर अभियान था। यहूदी लोगों के खिलाफ पूरी तरह से क्रूरता। और मैं इसे ‘यहूदी नरसंहार’ के बाद यहूदियों के लिए सबसे घातक दिन मानता हूं। मानव इतिहास के सबसे खराब अध्यायों में से एक।
व्हाइट हाउस में एकत्र यहूदी नेताओं से बाइडन ने कहा, मेरा आशय है कि चुप्पी भी मिलीभगत है। ऐसा वाकई है। मैं आपको बताना चाहता हूं, मुझे लगता है कि आपने पहले ही इसका पता लगा लिया है, कि मैं चुप रहने से इनकार करता हूं। मैं यह भी जानता हूं कि आप भी चुप रहने से इनकार करते हैं। बाइडन ने कहा, हमास जैसे आतंकी समूह दुनिया में न केवल आतंक बल्कि केवल बुराई लेकर आए, वह बुराई जो सबसे बदतर स्थिति को प्रतिध्वनि करती है, और कुछ मामलों में आईएस के सबसे भयानक अत्याचार के समान है या उससे भी अधिक है।