असली शिवसेना एकनाथ शिंदे को मानने के बाद अब चुनाव आयोग ने शरद पवार गुट को जबरदस्त झटका दिया है। आयोग ने अजीत पवार गुट को ही असली एनसीपी माना है। चुनाव आयोग ने 10 से ज्यादा सुनवाई के बाद कहा कि दस्तावेज, सबूत और तमाम चीजें मिली हैं उससे ये स्पष्ट है कि अजित पवार गुट का न केवल पार्टी पर बल्कि पार्टी के अलावा अन्य संगठन और परिसंपत्तियों पर अजित पवार का ही कब्जा है। यानी उनके लोग ज्यादा हैं। पार्टी के विभाजन के बाद अजित गुट का नंबर ज्यादा है। साथ ही ये भी कहा कि पार्टी का संविधान इस बात की तस्दीक करता है अजित पवार का ही वर्चस्व पार्टी पर है। लिहाजा पार्टी के नाम और निशान पर अजित पवार के दावे की आयोग ने पुष्टि कर दी।
6 महीने से अधिक समय तक चली 10 से अधिक सुनवाई के बाद, चुनाव आयोग ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के विवाद का निपटारा किया और अजीत पवार के नेतृत्व वाले गुट के पक्ष में फैसला सुनाया। चुनाव आयोग ने अपने नए राजनीतिक गठन के लिए एक नाम का दावा करने और आयोग को तीन प्राथमिकताएं देने का एक बार का विकल्प प्रदान किया है। रियायत का उपयोग 7 फरवरी, 2024 को दोपहर 3 बजे तक किया जा सकता है।
संगठनात्मक बहुमत होने के अपने दावे के समर्थन में शरद पवार समूह के दावे में समयसीमा के संदर्भ में गंभीर विसंगतियों के परिणामस्वरूप उनका दावा अविश्वसनीय हो गया। महाराष्ट्र से राज्यसभा की 6 सीटों के लिए चुनाव की महत्वपूर्ण समयरेखा को ध्यान में रखते हुए, शरद पवार गुट को चुनाव संचालन नियम 1961 के नियम 39एए का पालन करने के लिए विशेष रियायत दी गई है, जो राजनीतिक दलों के अधिकृत एजेंटों को सत्यापन करने की अनुमति देता है। इस प्रकार आयोग ने अपनी शक्तियों का उपयोग करते हुए शरद पवार गुट को अपने नए राजनीतिक गठन के लिए एक नाम का दावा करने और आयोग को तीन प्राथमिकताएं प्रदान करने का एक बार का विकल्प प्रदान किया है। रियायत का उपयोग 7 फरवरी, 2024 को दोपहर 3 बजे तक किया जाना है।