
धनबाद के शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के सर्जरी वार्ड में एडमिट एचआईवी पीड़ित मरीज का सही से इलाज नहीं हो रहा है। अस्पताल के स्टाफ यहां तक कि डॉक्टर्स भी उससे भेदभाव कर रहे हैं। उसके पैर में गहरे जख्म है। वह दर्द से कराह रहा है। बावजूद इसके उसका इलाज नहीं हो पा रहा है। उसके घाव बढ़ते जा रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बावजूद सरकारी अस्पतालों में एचआईवी पीड़ित मरीजों का समुचित इलाज और निगरानी नहीं हो रही है। ऐसे मरीजों के साथ हर दिन भेदभाव किया जा रहा है। ऐसा ही एक मामला शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के सर्जरी वार्ड में देखने को मिला।
बेड नंबर 56 में भर्ती 35 वर्षीय तोपचांची निवासी मरीज ने अस्पताल प्रबंधन से शिकायत की है। मरीज ने बताया है पिछले 28 अगस्त को वह अस्पताल में भर्ती हुआ। उसके पैर में काफी जख्म हो गए हैं, लेकिन अस्पताल के डॉक्टर इलाज नहीं कर रहे हैं।
अस्पताल आए स्वजनों ने बताया कि कर्मचारी केवल जख्म के ऊपर बैंडेज लगा दे रहे हैं। घाव का ऑपरेशन कब किया जाएगा, इसे डॉक्टर भी नहीं बता रहे हैं। ऐसे में हर दिन जख्म बढ़ता जा रहा है।

मरीज को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। मरीज ने आरोप लगाया कि अस्पताल के डॉक्टर और कर्मचारी एचआईवी होने के कारण उनसे भेदभाव कर रहे हैं। कर्मचारी उनसे दूर से ही आकर चले जा रहे हैं। यही हाल अस्पताल के डॉक्टरों का भी है।
घर वालों ने बताया कि मरीज पहले गाड़ी चलाता था। इस क्रम में वह दूसरे राज्यों में भी आना-जाना करता था। 5 वर्ष पूर्व उसकी तबीयत खराब हुई थी। जांच होने के बाद पता चला कि वह एचआईवी संक्रमित हो गया है। इसके बाद से आए दिन तबीयत खराब होती रहती है। घर वालों ने अस्पताल प्रबंधन से इलाज करने की गुहार लगाई है।
