राजद नेता तेजस्वी यादव ने मंगलवार को अपने पिता लालू यादव के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ‘कोई परिवार नहीं’ वाले तंज से पैदा हुए विवाद पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी अपने ‘मोदी का परिवार’ अभियान से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है। तेजस्वी यादव ने आज कहा कि उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि उनके पिता लालू यादव का बीजेपी पर इतना प्रभाव था। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि लालू जी की बातों का इतना असर है। लेकिन गरीबी और बेरोजगारी जैसे मुद्दे जो उन्होंने उठाए थे उनका क्या? उन्होंने बहुत सारी बातें कीं।
अपने पिता की मोदी को सच्चा हिंदू नहीं बताने वाली टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी बेटी का हिंदू परंपराओं के अनुसार मुंडन कराया, लेकिन जब उनकी मां का निधन हुआ तो प्रधानमंत्री ने ऐसा नहीं कराया। उन्होंने कहा कि हम एक कट्टर हिंदू परिवार हैं और हमारे घर में एक मंदिर है जहां हर सुबह और शाम को आरती की जाती है। मैंने अपनी बेटी का मुंडन संस्कार करवाया। प्रधानमंत्री ने अच्छी तरह से स्थापित परंपरा का पालन क्यों नहीं करने का फैसला किया, इसका जवाब उन्हें ही देना है। तेजस्वी ने कहा, ‘‘सबसे बढ़कर लालू जी (1990 के दशक में बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में) ने बिहार में सामाजिक न्याय को एक वास्तविकता बना दिया। जहां अब कोई भी दलित वर्गों को कुओं से पानी भरने के उनके अधिकार से इनकार करने या उन्हें अपने जूते उतारने के लिए मजबूर करने की हिम्मत नहीं कर सकता है।’
लालू के बयान पर सिसायी बवाल
नरेन्द्र मोदी की ओर से पूरे देश को अपना परिवार बताए जाने के कुछ देर बाद सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और अध्यक्ष जे पी नड्डा सहित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेताओं ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ के ‘प्रोफाइल’ पर अपने नाम के आगे ‘मोदी का परिवार’ लिखा और इस संबंध में एक अभियान शुरु कर दिया। एक दिन पहले राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद ने पटना में विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में प्रधानमंत्री मोदी पर ‘अपना परिवार’ नहीं होने को लेकर कटाक्ष किया था। इसके बाद भाजपा नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी के समर्थन में यह अभियान चलाया। लालू ने एक रैली में कहा था, ‘‘अगर नरेन्द्र मोदी के पास अपना परिवार नहीं है तो हम क्या कर सकते हैं। वह राम मंदिर के बारे में डींगें मारते रहते हैं। वह सच्चे हिंदू भी नहीं हैं। हिंदू परंपरा में बेटे को अपने माता-पिता के निधन पर अपना सिर और दाढ़ी मुंडवानी चाहिए। जब मोदी की मां की मृत्यु हुई तो उन्होंने ऐसा नहीं किया।”