जगन्नाथ यानी कि जगत के नाथ जो ब्रह्मांड के भगवान और श्रीहरि विष्णु के अवतार हैं. हर साल आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया को ओडिशा के पुरी में प्रभु की भव्य रथ यात्रा का आयोजन किया जाता है. इस यात्रा में लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं. भगवान जगन्नाथ के रथ के साथ दो और रथ इस यात्रा में शामिल होते हैं, जिसमें उनके भाई और बहन शामिल होते हैं. यात्रा के लिए तैयार होने के बाद तीनों रथों की पूजा की जाती है. उसके बाद सोने की झाड़ू से रथ मंडप और रथ यात्रा के रास्ते को साफ किया जाता है. क्या आप जानते हैं इस रथ यात्रा की शुरुआत कैसे हुई, यात्रा में प्रभु जगन्नाथ के साथ और कौन से रथ शामिल होते हैं और कब प्रभु वापस अपने घर लौटते हैं?