तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी मंगलवार को दो दिवसीय दौरे पर काशी पहुंचे। पीएम ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 17वीं किस्त जारी की। साथ ही उन्होंने स्वयं सहायता समूह की 30,000 से अधिक महिलाओं को कृषि सखी प्रमाण पत्र भी प्रदान किया।
पीएम ने कहा कि हमने आशा कार्यकर्ता के रूप में बहनों का काम देखा। डिजिटल इंडिया बनाने में बहनों की भूमिका अच्छी है। अब हम कृषि सखी के रूप में खेती को नई ताकत मिलते हुए देखेंगे। आज 30,000 से अभी सहायता समूह को कृषि सखी के रूप में प्रमाण पत्र दिए गए। अभी 12 राज्यों में यह योजना शुरू हुई है। आने वाले समय में पूरे देश में हजारों समूह को इससे जोड़ा जाएगा। यह अभियान तीन करोड़ लखपति दीदी बनाने में भी मदद करेगा और राज्य सरकार को मौका मिला पूरे समर्पण भाव से काम किया है।
पीएम ने कहा कि किसान आत्मनिर्भर बन रहा है और कृषि निर्यात में अग्रणी बना है। अब देखिए बनारस का लंगड़ा आम, जौनपुर की मूली, गाजीपुर की भिंडी। ऐसे अनेक उत्पाद आज विदेशी मार्केट में पहुंच रहे हैं। वन जिला वन प्रोडक्ट और जिला स्तर पर एक्सपोर्ट हब बनने से एक्सपर्ट बढ़ रहा है और उत्पादन भी एक्सपोर्ट क्वालिटी का होने लगा। अब हमें ग्लोबल मार्केट में देश को नई ऊंचाई पर ले जाना और मेरा तो सपना है कि दुनिया की हर डाइनिंग टेबल पर भारत का कोई ना कोई खजाना डिफेक्ट वाले मंत्र को बढ़ावा देना। मोटे अनाज श्री अन्य का उत्पादन हो, औषधीय गुण वाली फसल हो या फिर प्राकृतिक खेती की तरफ बढ़ना। पीएम किसान समृद्धि के माध्यम से किसानों के लिए एक बड़ा सपोर्ट सिस्टम विकसित किया जा रहा है। यहां इतनी बड़ी संख्या में हमारी माताएं उपस्थित हैं, इनके बिना खेती की कल्पना भी नहीं संभव है। इसलिए अब खेती को नई दिशा देने में भी माता बहनों की भूमिका का विस्तार किया जा रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि पीएम किसान सम्मान निधि आज दुनिया की सबसे बड़ी डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम बन चुका है। अभी तक देश के करोड़ों किसान परिवारों की बैंक खाते में 3:15 लाख करोड़ रुपये जमा हो चुके हैं। यहां वाराणसी जिले के किसानों के खाते में भी 700 करोड़ रुपये जमा हुए। मुझे खुशी है कि पीएम किसान सम्मान निधि में सभी लाभार्थी तक लाभ पहुंचाने के लिए टेक्नोलॉजी का बेहतर इस्तेमाल हुआ है। कुछ महीने पहले ही भारत संकल्प यात्रा के दौरान भी एक करोड़ से अधिक किसान इस योजना से जुड़े।