लीबिया में बीते छह महीनों तक फंसे 17 भारतीय सकुशल भारत लौट आए है। दिल्ली एयरपोर्ट पर जब इन भारतीयों ने अपनी सरजमीं पर कदम रखे तो उनकी आंखे नम हो गई। वहीं अपने परिवार से मिलकर खुशी के आंसू छलक पड़े। जानकारी के मुताबिक ये लोग फरवरी से अप्रैल के बीच इटली में नौकरी पाने के इरादे से गए थे। इन सभी को बीच में लीबिया में बेच दिया गया। मगर इन्होंने हार नहीं मानी और महीनों तक भारत सरकार से बात करने के बाद इनकी मेहनत रंग लाई और इनकी वतन वापसी हो सकी।
इन लोगों का दावा है कि इन लोगों को भारत से पहले दुबई ले जाया गया था। इसके बाद ये मिस्त्र पहुंचे और अंत में इन्हें लीबिया में एजेंट्स ने बेच दिया। एजेंट्स ने इन लोगों को अन्य देशों में भेजने के एवज में लाखों रुपयों की मांग की। इस दौरान भारतीयों से लगभग 12 से 14 लाख रुपये लिए गए, जिसका उन सभी को नुकसान हुआ है। कई लोग ऐसे थे जो अपनी जमीन बेचकर यहां से बाहर जाने के लिए निकले थे ताकि कुछ अच्छी कमाई कर सकें मगर ऐसा नहीं हो सका।
कई दिनों तक नहीं मिलता था खाना
लीबिया से सकुशल भारत लौटे राहुल ने बताया कि चार महीने पहले एक एजेंट ने धोखा देकर उसे लीबिया भेज दिया था। कई लड़के ऐसे थे जो बड़े माफिया के चंगुल में फंस चुके थे। उन्होंने अपनी आपबीती भी सुनाई है जिसे सुनकर लोग काफी परेशान हैं। उनकी बातों पर विश्वास करना मुश्किल है कि इन लोगों को बेरहमी के साथ इतना परेशान किया जाता था। राहुल के मुताबिक उन्हें 48-48 घंटों तक भूखा रखा जाता था। उनके साथ मारपीट करने से भी परहेज नहीं होता था। मारपीट होना रोज का काम हो गया था।
सांसद ने निकाला बाहर
उन्होंने बताया कि एक भारतीय लड़के के पास फोन था, जो सभी ने छिपाकर रखा हुआ था। इस फोन के जरिए ही सभी लड़कों ने राज्यसभा सांसद विक्रमजीत सिंह साहनी को संपर्क किया, जिसके बाद उन्होंने विदेश मंत्रालय की दखल देकर लीबिया से सभी भारतीय युवकों को सकुशल बाहर निकालने में मदद की। भारत लौटे युवकों का कहना है कि लीबिया में रहने से अच्छा नर्क है।
दुबई में बेचा गया था
एक युवक परमजीत सिंह के मुताबिक उसे दुबई में एक व्यक्ति को बेच दिया गया था। ये व्यक्ति परमजीत के साथ लगातार मारपीट करता था। दुबई के बाद उसे लीबिया में बेचा गया था। एजेंट्स ने इन युवकों के साथ लगातार कई धोखाधड़ी की है।
मंत्रालय के प्रयास से लौटे सकुशल
गौरतलब है कि विदेश मंत्रालय के सतत प्रयासों से लीबिया में एक सशस्त्र समूह द्वारा बंधक बनाये गए 17 भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकाल कर भारत वापस लौट सके है। इन भारतीयों को सफलता पूर्वक स्वदेश लाने में ट्यूनिश में भारतीय दूतावास ने भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक्स पर पोस्ट में वहां भारतीय दूतावास के इस अच्छे कार्य की सराहना करते हुए कहा कि ‘‘ मोदी सरकार द्वारा भारतीय समुदाय कल्याण कोष को मजबूत बनाना, खास तौर पर ऐसे अवसरों के लिए उपयोगी है।’’ वहां भारतीय दूतावास ने एक्स पर पोस्ट किया कि लीबिया में भारतीय दूतावास ने पंजाब और हरियाण से संबद्ध 17 भारतीय नागरिकों को सफलतापूर्वक स्वदेश भेज दिया है जो फरवरी 2023 से लीबिया में हिरासत में थे।
इसमें कहा गया है कि ये भारतीय 20 अगस्त 2023 को गल्फ एयर के विमान से सुरक्षित भारत पहुंच गए। घटनाक्रम से जुड़े जानकार सूत्रों ने बताया कि भारतीयों को लीबिया के ज्वारा शहर में सशस्त्र समूह ने बंधक बना लिया था। इससे पहले उन्हें अवैध रूप से उस देश में लाया गया था। उन्होंने बताया कि ट्यूनिश में भारतीय दूतावास ने मई और जून में लगातार इस मामले को लीबिया के प्रशासन के समक्ष अनौपचारिक माध्यम से उठाया था। उन्होंने बताया कि 13 जून को लीबिया प्रशासन ने भारतीय नागरिकों को बचाने में सफलता पाई लेकिन अवैध रूप से उस देश में प्रवेश करने को लेकर उन्हें अपनी हिरासत में रखा।
सूत्रों ने बताया कि ट्यूनिश में भारतीय राजदूत और नयी दिल्ली से विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के उच्च स्तरीय हस्तक्षेप से लीबिया प्रशासन ने इन्हें रिहा करने पर सहमति व्यक्त की। उन्होंने बताया कि लीबिया में इन भारतीय नागरिकों के रुकने के दौरान भारतीय दूतावास ने उनकी सभी जरूरतों का ध्यान रखा। चूंकि इनके पास कोई पासपोर्ट नहीं था, ऐसे में उनकी भारत यात्रा करने के लिए उन्हें आपात प्रमाणपत्र जारी किए गए। इसके अलावा भारत लौटने के लिए टिकटों का भुगतान भी भारतीय दूतावास ने किया। वहां फंसे भारतीय नागरिकों के परिवार के सदस्यों ने इस मामले पर ट्यूनिश स्थित भारतीय दूतावास का ध्यान आकृष्ट कराया था।