crossorigin="anonymous"> बांग्लादेश में चला शेख हसीना का जादू, गोपालगंज सीट पर भारी मतों से जीतीं, पांचवीं बार बनेंगी पीएम - Sanchar Times

बांग्लादेश में चला शेख हसीना का जादू, गोपालगंज सीट पर भारी मतों से जीतीं, पांचवीं बार बनेंगी पीएम

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बांग्लादेश में एक बार फिर शेख हसीना की सरकार बनेगी. रविवार को हुए आम चुनाव में शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग ने 299 में से 223 सीट पर जीत हासिल की है. संसद में मुख्य विपक्षी दल जातीय पार्टी को 11, बांग्लादेश कल्याण पार्टी को एक और स्वतंत्र उम्मीदवारों ने 62 सीट पर जीत दर्ज की. जातीय समाजतांत्रिक दल और ‘वर्कर्स पार्टी ऑफ बांग्लादेश’ ने एक-एक सीट जीती. इतना ही नहीं अवामी लीग पार्टी की प्रमुख हसीना (76) ने गोपालगंज-तृतीय सीट पर भारी मतों के अंतर से जीत हासिल की. हसीना को 249,965 वोट मिले हैं. जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी बांग्लादेश सुप्रीम पार्टी के एम निजाम उद्दीन लश्कर को सिर्फ 469 वोट ही मिले.

बीएनपी ने आम चुनाव का किया था बहिष्कार
छिटपुट हिंसा और मुख्य विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) व उसके सहयोगियों के चुनाव के बहिष्कार करने के कारण अवामी लीग के लिए जीत का रास्ता आसान हो गया. दरअसल पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया (78) की पार्टी और मुख्य विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने चुनाव का बहिष्कार किया था. बीएनपी ने शनिवार से 48 घंटे की देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया था. पार्टी का दावा था कि मौजूदा सरकार के रहते कोई भी चुनाव निष्पक्ष और विश्वसनीय नहीं होगा. बीएनपी के प्रवक्ता रुहुल कबीर रिजवी ने हड़ताल की घोषणा करते हुए कहा था कि इसका उद्देश्य ‘‘इस अवैध सरकार के इस्तीफे, एक तटस्थ सरकार के गठन और सभी पार्टी नेताओं तथा कार्यकर्ताओं को जेल से रिहा करने की मांग करना है. खालिदा भ्रष्टाचार के आरोपों में दोषी ठहराए जाने के बाद घर में नजरबंद हैं.

2009 से सत्ता पर काबिज हैं शेख हसीना
संसद सदस्य के रूप में शेख हसीना का यह आठवां कार्यकाल है. हसीना 2009 से सत्ता पर काबिज हैं और एकतरफा चुनाव में लगातार चौथी बार जीत हासिल की है. इस जीत के साथ हसीना आजादी के बाद बांग्लादेश में सबसे लंबे समय तक पद पर रहने वाली प्रधानमंत्री बनने की ओर बढ़ रही है. अहम बात यह है कि 1991 में लोकतंत्र की बहाली के बाद से ऐसा दूसरी बार है, जब सबसे कम मतदान हुआ. फरवरी 1996 के विवादास्पद चुनावों में 26.5 प्रतिशत मतदान हुआ था, जो बांग्लादेश के इतिहास में सबसे कम है. रविवार के चुनाव में दोपहर तीन बजे तक 27.15 प्रतिशत मतदान हुआ था और शाम चार बजे मतदान प्रक्रिया समाप्त हो गयी. निर्वाचन आयोग ने एक घंटे में 13 प्रतिशत की वृद्धि के साथ कुल मिलाकर लगभग 40 प्रतिशत मतदान का अनुमान जताया.


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