crossorigin="anonymous"> भाजपा धर्म, समुदाय के आधार पर लोगों को बांट रही है : शरद पवार - Sanchar Times

भाजपा धर्म, समुदाय के आधार पर लोगों को बांट रही है : शरद पवार

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शरद पवार को लेकर महाराष्ट्र की राजनीति में जबरदस्त तरीके से बवाल मचा हुआ है। कांग्रेस के कुछ नेताओं ने दावा किया है कि अजित पवार लगातार शरद पवार के पास भाजपा के ऑफर को लेकर जा रहे हैं। हालांकि एनसीपी और सुप्रिया सुले की ओर से इससे साफ तौर पर इंकार किया जा रहा है। इन सब के बीच शरद पवार ने साफ तौर पर कहा है कि लोगों ने उनके रुख की तारीफ की है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारी तादाद में लोगों से उन्हें प्रतिक्रियाएं मिल रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा और उनके साथ ही विपरीत काम कर रहे हैं। भाजपा धर्म, समुदाय के आधार पर लोगों को बांट रही है। उन्होंने कहा कि इंडिया की अगली बैठक मुंबई में होगी। बैठक के लिए सफल योजनाएं बनाएंगे। बीजेपी से लड़ने की सफल रणनीति होगी।

शरद पवार ने कहा कि पिछले 8-10 दिनों से मैं पूरे महाराष्ट्र में पार्टी कार्यकर्ताओं से मिल रहा हूं। 2 दिन पहले सोलापुर के सांगोला इलाके में कम से कम 1000 लोगों ने अलग-अलग जगहों पर मेरी कार रोकी। पुणे, सतारा और अन्य स्थानों पर पार्टी के कई कार्यकर्ता मुझसे मिलने आए। मैं कल बीड का दौरा करूंगा। शरद पवार ने कहा कि देश की सत्ता भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगियों के हाथ में है। उनकी भूमिका समाज में एकता बनाए रखने की है, लेकिन वे लोगों को बांट रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे कई उदाहरण हैं कि कैसे उन्होंने (भाजपा) राज्य सरकारों को गिराया- जैसे गोवा, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में भी। महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार गिराने के बाद जो हुआ वह सभी ने देखा है

हाल के दिनों में शरद पवार और उनके भतीजे अजीत पवार के बीच कई बैठक हुई है। इसी बैठक को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने यह दावा कर दिया कि अजित पवार शरद पवार को बीजेपी के ऑफर के बारे में लगातार बता रहे हैं। महाराष्ट्र कांग्रेस के नेताओं के मुताबिक भाजपा अजित पवार के जरिए शरद पवार को दो ऑफर दे रही है। एक ऑफर यह है कि या तो वह केंद्र में कृषि मंत्री बन जाए या फिर नीति आयोग के चेयरमैन का पद का ऑफर है। इसके अलावा दूसरे ऑफर की बात करें तो उसको लेकर दावा किया गया कि सुप्रिया सुले को केंद्र में और जयंत पाटिल को राज्य में मंत्री बनाया जाएगा। वहीं, शरद पवार ने स्पष्ट किया कि बैठक गुप्त नहीं थी और परिवार के सबसे वरिष्ठ के रूप में, वह अपने परिवार के सदस्यों से मिल सकते हैं।


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