आम आदमी पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को दिल्ली की सात में से तीन सीटें दे सकती है। दोनों दलों के बीच बातचीत अंतिम दौर में पहुंच गई है। दिल्ली में सत्ता पर काबिज AAP के शेष चार सीटों पर चुनाव लड़ने की संभावना है। इस सप्ताह की शुरुआत में, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दोनों पार्टियों के बीच सीट-बंटवारे का समझौता “अंतिम चरण” पर पहुंच गया है, हालांकि उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि चर्चा में “बहुत देरी” हुई। सूत्रों के मुताबिक आप कांग्रेस को उत्तर पूर्वी, चांदनी चौक और पूर्वी दिल्ली सीट दे सकती है। पहले एक सीट का ऑफर दिया गया था।
खबर यह भी है कि कांग्रेस आप को हरियाणा में एक और गुजरात में दो सीट दे सकती है। बीजेपी ने 2014 और 2019 में दिल्ली की सभी सात सीटों पर जीत हासिल की थी। 2019 में सभी सात सीटों पर बीजेपी का वोट शेयर 50 फीसदी से ज्यादा था। प्रारंभ में, AAP ने कांग्रेस पार्टी को दिल्ली की सात लोकसभा सीटों में से केवल एक की पेशकश की थी, जिससे दोनों गठबंधन सहयोगियों के बीच तनाव बढ़ गया था। पिछले दिनों जब केजरीवाल से पूछा गया कि सीट बंटवारे में देरी क्यों हुई तो उन्होंने कहा, “देखते हैं 1-2 दिनों में क्या होता है।”
अरविंद केजरीवाल मे कहा, “देखते हैं अगले 1-2 दिन में क्या होता है?…बहुत देरी हो गई है, जल्दी होना चाहिए।” आप सांसद संदीप पाठक ने पिछले हफ्ते कहा था, “योग्यता के आधार पर कांग्रेस पार्टी दिल्ली में एक भी सीट की हकदार नहीं है, लेकिन ‘गठबंधन के धर्म’ को ध्यान में रखते हुए हम उन्हें दिल्ली में एक सीट की पेशकश कर रहे हैं।” पाठक ने दिल्ली में लोकसभा सीटों पर पार्टी की पकड़ में कमी की ओर इशारा करते हुए कांग्रेस पर कटाक्ष किया था।