लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के पूर्व अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा कि हर दल उनकी पार्टी को अपने खेमे में रखना चाहता है। पासवान के इस बयान से यह संकेत मिलता है कि वह बेहतर पेशकश करने वाले के साथ जा सकते हैं।
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सहयोगी लोजपा को बिहार में विपक्षी महागठबंधन की ओर से अपने पाले में करने के प्रयास किये जा रहे हैं। महागठबंधन में कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और तीन वामपंथी दल शामिल हैं। साहेबगंज विधानसभा क्षेत्र में एक रैली को संबोधित करते हुए चिराग पासवान ने संकेत दिया कि वह विकल्पों पर विचार कर रहे हैं और बेहतर पेशकश करने वाले खेमे में शामिल हो सकते हैं।
चिराग ने कहा, मैं यहां संवाददाताओं की भीड़ देख सकता हूं, जो यह जानने के लिए उत्सुक हैं कि चिराग पासवान किसके साथ रहेंगे। मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि चिराग पासवान केवल बिहार के लोगों के साथ जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा, हर पार्टी, हर गठबंधन चाहता है कि चिराग पासवान उसके साथ रहें। ऐसा इसलिए क्योंकि लोग उनके बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट दृष्टिकोण से प्रभावित हैं, जो राज्य को पुराने पिछड़ेपन से बाहर निकालना चाहता है।
चिराग पासवान ने अपने भाषण में खुद को शेर का बेटा बताते हुए अपने दिवंगत पिता रामविलास पासवान के सच्चे उत्तराधिकारी के रूप में पेश करने का प्रयास किया। लोजपा ने 2019 में लोकसभा की छह सीटों पर चुनाव लड़ा था और उन सभी पर जीत हासिल की थी। हालांकि, चिराग ने जद (यू) प्रमुख एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और लोजपा विभाजित करने वाले अपने चाचा एवं केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस का नाम लेने से परहेज किया लेकिन उन्होंने उन साजिशों के बारे में विस्तार से बात की, जिनका उन्हें सामना करना पड़ा।
उन्होंने कहा कि इन “साजिशों” का उद्देश्य उनके घर, परिवार व पार्टी को तोड़ना था, लेकिन “मैंने दिखाया है कि चिराग पासवान को डराया नहीं जा सकता। चिराग पासवान ने कहा है कि उनकी अगुवाई वाली लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) हाजीपुर से चुनाव लड़ेगी जहां से उनके पिता पासवान ने कई बार चुनाव जीता था और इस सीट का प्रतिनिधित्व फिलहाल उनके चाचा और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (आरएलजेपी) के प्रमुख पारस करते हैं। पारस ने साफ कर दिया है कि वह हाजीपुर सीट से फिर से चुनाव लड़ेंगे।
आरएलजेपी के प्रवक्ता श्रवण अग्रवाल ने कहा, हाजीपुर या हमारी पार्टी की अन्य चार सीटों में से किसी को भी छोड़ने का कोई सवाल ही नहीं है। हमें यकीन है कि भाजपा हमारे दावे का सम्मान करेगी क्योंकि हम राजग के स्वाभाविक सहयोगी हैं।”
उन्होंने कहा, “उन्हें (चिराग को) दूसरी तरफ से प्रस्ताव मिल रहा है, लेकिन कोई भी इस तरह के प्रलोभन के साथ हमारे पास आने की हिम्मत नहीं कर रहा है। हालांकि महागठबंधन के किसी भी नेता ने सार्वजनिक तौर पर यह नहीं कहा है कि चिराग को क्या प्रस्ताव दिया गया है लेकिन सूत्रों का कहना है कि चिराग को छह से अधिक सीटें दी जा सकती हैं।