कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश में अपनी सरकार पर मंडराए संकट के बीच बुधवार को कहा कि जनादेश को बरकरार रखने के लिए सारे विकल्प खुले हुए हैं। जरूरत पड़ने पर वह कठोर निर्णय लेने से पीछे नहीं हटेगी।
पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया कि हिमाचल प्रदेश में भाजपा लोगों के अधिकार को कुचलना और प्रदेश को ‘राजनीतिक आपदा’ में धकेलना चाहती है। हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा की एक सीट पर हुए मतदान में कांग्रेस के छह विधायकों द्वारा ‘क्रॉस वोंिटग’ किए जाने के बाद भाजपा ने सीट पर जीत हासिल की थी। उसके बाद से राज्य में राजनीतिक संकट पैदा हो गया है।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने बताया, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकाजरुन खरगे ने पर्यवेक्षकों से बात की है और उनसे कहा है कि वे विधायकों से बात करके जल्द रिपोर्ट सौंपें। उनका कहना है कि पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के बाद ही कोई कदम उठाया जाएगा। कांग्रेस ने छतीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा और कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार बतौर पर्यवेक्षक शिमला भेजा है। पार्टी के हिमाचल प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला भी हिमाचल प्रदेश में मौजूद हैं। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पर्यवेक्षक बृहस्पतिवार तक अपनी रिपोर्ट खरगे को भेज सकते हैं। उसके बाद तत्काल निर्णय लिया जाएगा। समझा जाता है कि कांग्रेस असंतुष्ट विधायक मुख्यमंत्री सुखंिवदर सिंह सुक्खू की कार्यशैली से नाराज हैं। वह इस पक्ष में हैं कि सुक्खू के स्थान पर किसी और को मुख्यमंत्री बनाया जाए।
हिमाचल प्रदेश के घटनाक्रम को लेकर प्रियंका गांधी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, लोकतंत्र में आम जनता को अपनी पसंद की सरकार चुनने का अधिकार है। हिमाचल की जनता ने अपने इसी अधिकार का इस्तेमाल किया और स्पष्ट बहुमत से कांग्रेस की सरकार बनाई। लेकिन भाजपा धनबल, एजेंसियों की ताकत और केंद्र की सत्ता का दुरुपयोग करके हिमाचल वासियों के इस अधिकार को कुचलना चाहती है। प्रियंका गांधी ने कहा, 25 विधायकों वाली पार्टी यदि 43 विधायकों के बहुमत को चुनौती दे रही है, तो इसका मतलब साफ है कि वो प्रतिनिधियों के खरीद-फरोख्त पर निर्भर है। उन्होंने आरोप लगाया, इनका यह रवैया अनैतिक और असंवैधानिक है। हिमाचल और देश की जनता सब देख रही है। जो भाजपा प्राकृतिक आपदा के समय प्रदेशवासियों के साथ खड़ी नहीं हुई, अब प्रदेश को राजनीतिक आपदा में धकेलना चाहती है। जयराम रमेश ने कहा, हम सरकार अस्थिर नहीं होने देंगे..जरूरत पड़ी तो कठोर निर्णय लेने से पीछे नहीं हटेंगे।
कांग्रेस महासचिव ने कहा, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकाजरुन खरगे ने पर्यवेक्षकों से सभी विधायकों से बात कर जल्द रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा है। रमेश ने कहा, अफसोस की बात है कि क्रॉस-वोंिटग हुई और राज्यसभा चुनाव में पार्टी के उम्मीदवार अभिषेक सिंघवी हार गए। यह पूछे जाने पर कि क्या सुक्खू के स्थान पर किसी और मुख्यमंत्री बनाने का विकल्प खुला हुआ है, तो रमेश ने कहा, यह सब हमारे पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट पर निर्भर है। अभी कुछ नहीं कह सकता कि कौन से रास्ते बंद हैं, कौन से रास्ते खुले हैं। सारे विकल्प खुले हुए हैं। कांग्रेस को जनादेश मिला था उसका हमें सम्मान करना चाहिए। पार्टी सवरेपरि है।
राज्य विधानसभा की 68 सीटों में से कांग्रेस के पास 40 और भाजपा के पास 25 सीटें हैं। प्रदेश में तीन निर्दलीय विधायक हैं।