हमास और इस्राइल बीते छह महीने से जंग लड़ रहे हैं। इस्राइल द्वारा हमास को खत्म करने का संकल्प गाजा पट्टी के लोगों पर भारी पड़ रहा है। गाजा में पैदा हुई मानवीय परिस्थितियों को लेकर अमेरिका में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। देशभर में लोग इस्राइल के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। यह विरोध उस जगह तक पहुंच गया, जहां व्हाइट हाउस के पत्रकारों का राष्ट्रपति के साथ रात्रिभोज होना था। इससे जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।
वीडियो में इस्राइल के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रहे लोगों की भारी भीड़ और उनके हाथ में फलस्तीनी झंडा देखा जा सकता है। यहां तक की जिस हॉटल में भोज कार्यक्रम होना था, उसकी इमारत पर भी फलस्तीनी झंडा लगा दिया गया था। लोगों ने इस्राइल के खिलाफ नारे लगाए।
दरअसल, हिल्टन होटल में व्हाइट हाउस के पत्रकारों का भोज होना था। यहां जो बाइडन के रात्रिभोज को संबोधित करने की उम्मीद थी। कार्यक्रम से पहले यहां फलस्तीनियों का समर्थन कर रहे लोग पहुंच गए। इनमें से कुछ ने होटल की सबसे ऊपरी मंजिलों में से एक पर फलस्तीनी झंडा लगा दिया। घटनास्थल पर मौजूद प्रदर्शनकारियों ने इस पर तालियां बजाईं।
व्हाइट हाउस कॉरेसपॉन्डेंट्स एसोसिएशन की स्थापना 1914 में हुई थी। 1921 से लगभग हर साल एक रात्रिभोज आयोजित किया जाता है। इसका मकसद राष्ट्रपति से जुड़ी खबरों को कवर करने वाले पत्रकारों की सराहना करना और छात्रवृत्ति के लिए धन जुटाने के लिए।
प्रदर्शनकारियों ने फलस्तीनी केफिए और तरबूज के प्रतीक वाले कपड़े पहने थे। उन्होंने वाशिंगटन हिल्टन के बाहर फलस्तीनी मुक्त के नारे लगाए। साथ ही कहा कि हम कवरेज की मांग करते हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि इस्राइल और गाजा की खबरों को अधिक से अधिक दिखाने के मकसद से यह प्रदर्शन किया जा रहा है।
हमास ने सात अक्तूबर को इस्राइली शहरों पर पांच हजार से ज्यादा रॉकेट दागकर हमले की शुरुआत की थी। इसके बाद हमास के आतंकियों ने इस्राइल में घुसकर लोगों को मौत के घाट उतारा। इसके जवाब में इस्राइल ने हमास आतंकियों के खिलाफ गाजा में ऑपरेशन शुरू किया था। इस ऑपरेशन में गाजा स्थित हमास के ठिकानों पर जबरदस्त बमबारी की गई है, जिससे अधिकतर गाजा खंडहर में तब्दील हो गया है। अब तक इस्राइल और गाजा में कुल मिलाकर 30000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। बता दें कि गाजा के अधिकारियों का कहना है कि सात अक्तूबर के बाद से गाजा में इस्राइल के सैन्य अभियान में अब तक उनके 34,000 से ज्यादा लोग मारे गए हैं, जबकि हजारों शवों के अब भी मलबे में दबे होने की आशंका है।