अमित शाह ने पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि घुसपैठिए टीएमसी का वोट बैंक हैं। ममता बनर्जी इन घुसपैठियों से डरती हैं। क्या दुर्गापुर अपने वोट बैंक की खातिर प्रभु राम का बहिष्कार करने वालों को चुनेगी? कभी नहीं! संदेशखाली में TMC नेताओं ने धर्म के आधार पर हमारी सैकड़ों बहनों पर अत्याचार किया। ममता दीदी संदेशखाली के अपराधियों को पकड़ने को तैयार नहीं थीं। हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी जांच नहीं की, तो हाईकोर्ट ने जांच CBI को सौंपी। संदेशखाली में जिसने अत्याचार किया है, वो पाताल में भी छिप जाए, हम उसे ढूंढ कर जेल की सलाखों के पीछे डालेंगे। पश्चिम बंगाल में हमें 30 सीटों का आशीर्वाद दें, मोदी जी को फिर से प्रधानमंत्री बनाएं और सुनिश्चित करें कि हम इस बार 400 के पार जाएं।
अमित शाह ने कहा कि संदेशखाली में टीएमसी नेताओं ने धर्म के आधार पर हमारी सैकड़ों बहनों पर अत्याचार किया। ममता दीदी, संदेशखाली के अपराधियों को पकड़ने को तैयार नहीं थीं। हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी जांच नहीं की, तो हाई कोर्ट ने जांच सीबीआई को सौंपी। ममता दीदी आपको शर्म आनी चाहिए, आप महिला मुख्यमंत्री हो और आपकी नाक के नीचे सैकड़ों माताओं-बहनों पर अत्याचार हुआ, लेकिन आपके पेट का पानी नहीं हिला। विपक्ष के पास भ्रष्टाचार का ट्रैक रिकॉर्ड है, जबकि मोदी जी के पूरे राजनीतिक जीवन में ऐसा एक भी दाग नहीं है। टीएमसी पूरी तरह से ‘कट मनी’ संस्कृति में डूबी हुई है और घुसपैठियों को अपना वोट बैंक बनाती है। ममता बनर्जी को अपनी गतिविधियों पर शर्म आनी चाहिए।
लेकिन दुर्गापुर वालों चुनाव आयोग ने सेंट्रल फोर्स लगाई हैं, ममता दीदी के गुंडों से डरने की जरूरत नहीं है। खुलकर मतदान कीजिए। कम्युनिस्टों, टीएमसी और कांग्रेस ने अनुच्छेद 370 को 70 साल तक ‘संरक्षित’ रखा! इसने कश्मीर से आतंकवाद को पूरे देश में फैला दिया। लेकिन मोदी जी के सत्ता में आने के बाद, 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 को ऐतिहासिक रूप से निरस्त कर दिया गया। विपक्ष को न तो लोगों की सुरक्षा की परवाह है और न ही देश की सुरक्षा की।