नई दिल्ली. दिल्ली हाईकोर्ट ने शराब घोटाले के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और सीबीआई द्वारा दर्ज किए गए मनीलॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार के मामलों में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया. दिल्ली में लोकसभा चुनाव की वोटिंग से पहले आम आदमी पार्टी (आप) के लिए यह बड़ा झटका है. दिल्ली में 25 मई को वोट डाले जाएंगे.
‘आप’ नेता की याचिका को दरकिनार करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि मामले में 30 से ज़्यादा आरोपी हैं, मामले में जांच अभी जारी है और कई आरोपी जांच में शामिल भी नहीं हुए. अदालत ने कहा कि इस मामले में कई सरकारी गवाहों ने मनीष के खिलाफ बयान दिए हैं. ऐसे में इस बात की संभावना बनती है कि जमानत पर बाहर आने के बाद वे उनको प्रभावित करेंगे.
जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा की बेंच ने कहा, “अदालत को बताया गया है कि मनीष ने सबूतों के साथ छेड़छाड़ की.. मोबाइल फोन नष्ट किये गए.. मनीष बेहद प्रभावशाली व्यक्ति हैं. उनके पास 18 मंत्रालय थे. जांच एजेंसी ने पहली नजर में मनीष के खिलाफ मनीलॉन्ड्रिंग का केस बनाया है.”
अदालत ने ईडी और सीबीआई की दलीलों को मानते हुए कहा कि आबकारी नीति बनाई गई, जिसमें प्री-ड्राफ्टेड ईमेल भेजे गए और इसका उद्देश्य ऐसी नीति बनाना था जो कुछ लोगों के लिए फायदेमंद हो और रिश्वत भी आ सके. हाईकोर्ट ने कहा कि भ्रष्टाचार इस मामले में उस समय हुआ जब कुछ लोगो को फायदा पहुंचने के लिए नीति बनाई गई ताकि पैसा आ सके. कोर्ट ने सख्त लहजों में शराब घोटाले को सत्ता के गंभीर दुरुपयोग का मामला बताया और कहा कि फेक रिस्पॉन्स के जरिए शराब नीति को लाया गया.