नई दिल्ली। राजधानी में पानी को लेकर हा-हाकार मचा है। लोग बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं। सरकार व दिल्ली जल बोर्ड पानी की किल्लत की बात करती तो है लेकिन दूसरी तरफ द्वारका इलाके में रामफल चौक पर पीने के पानी की पाइपलाइन कई दिन से टूटी पड़ी है। इससे सड़क की हालत जर्जर हो चुकी है, लेकिन जल बोर्ड सुध नहीं ले रहा है। भीषण गर्मी में पानी की बर्बादी तो हो ही रही है, ग्रामीण व क्षेत्रीय लोगों का यहां से निकलना मुश्किल हो रहा है।
दिल्ली पंचायत संघ के अध्यक्ष थान सिंह यादव ने कहा कि वर्ष 2013 से आज तक मुख्यमंत्री दिल्ली देहात, गांव, ग्रामीणों को नल से जल नहीं दे पाए। सत्ता में आते ही जोर-शोर से पानी माफियाओं पर कार्रवाई की, लेकिन उसके बाद आज तक चुप बैठे हैं। आज भी वही टैंकर गांव देहात की प्यास बुझा रहे हैं। दिल्ली के गांव पानी की व्यवस्था झोड़, झीलों, कुओं, बावड़ी, नदियों से करते आए हैं। उन्हें आधुनिकता की भेंट चढ़ा दिया गया।पंचायत संघ ने कहा कि दिल्ली देहात, गांव, ग्रामीण को किए वादे पूरे नहीं हो रहे हैं। गांवों को नल से जल, पाइप लाइन से गैस भी उपलब्ध नहीं करा पाए, जिसको लेकर सरकार के खिलाफ आक्रोश बढ़ रहा है। इसको लेकर जल्द ही दिल्ली 360 गांव की पंचायत बुलाई जाएगी, जिसमें इनके खिलाफ कड़ा विरोध दर्ज कराने के लिए निर्णय लिया जाएगा। पालम 360 के प्रधान चौधरी सुरेन्द्र सोलंकी ने कहा कि एक तरफ सरकार व जल बोर्ड पानी की किल्लत की बात करते हैं। दूसरी तरफ द्वारका क्षेत्र में रामफल चौक पर पीने के पानी की पाइपलाइन कई दिनों से टूटी पड़ी है, लेकिन दिल्ली जल बोर्ड इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। बह रहे पानी के कारण सड़क भी जर्जर हालत हो चुकी है। क्षेत्रीय लोगों ने बताया कि पानी की पाइपलाइन टूटने की शिकायत करने के बाद भी दिल्ली जल बोर्ड का कोई भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा।