कनाडा की पुलिस ने खुद स्वीकार किया है कि खालिस्तानी समुदाय को लॉरेंस बिश्नोई से खतरा है
खालिस्तान समर्थक गतिविधियों को लेकर कनाडा की ट्रूडो सरकार के कनेक्शन अब खुलकर सामने आ गए हैं। कनाडा की पुलिस ने खुद स्वीकार किया है कि खालिस्तानी समुदाय को लॉरेंस बिश्नोई से खतरा है। इसने सवाल उठाए हैं कि बिश्नोई का नाम खालिस्तानियों से क्यों जोड़ा जा रहा है और क्या उनकी ताकत इतनी बढ़ गई है कि खालिस्तानी भी उनसे खौफ खा रहे हैं।
सितंबर में, पंजाबी गायक एपी ढिल्लो के घर पर गोलीबारी की घटना के बाद बिश्नोई का नाम सुर्खियों में आया। इस घटना की जिम्मेदारी बिश्नोई और रोहित गोदारा के गैंग ने ली थी। इससे पहले, खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप भी बिश्नोई गैंग पर लगाया गया था, जिसने 18 जून को कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में निज्जर को गोली मारी थी।
कनाडा में खालिस्तानी समुदाय पर हो रहे हमलों और लॉरेंस बिश्नोई के नाम का जिक्र इस बात का संकेत है कि खालिस्तानी समूह और उन्हें समर्थन देने वाली सरकार के भीतर बिश्नोई का डर व्याप्त है। कनाडा की पुलिस ने आरोप लगाया है कि भारत, बिश्नोई गैंग के साथ मिलकर कनाडा में अपराध करवा रहा है।
एक पत्रकार द्वारा पूछे गए सवाल पर, कनाडा पुलिस ने स्पष्ट किया कि भारत इन हमलों को खालिस्तानियों पर करवा रहा है, न कि सिखों पर। इससे कनाडा के भारत के साथ बढ़ते कूटनीतिक तनाव की एक और परत उभरकर सामने आई है।
वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने हाल ही में सिंगापुर में अपने कनाडाई समकक्ष के साथ गुप्त बैठक की, जिसमें कनाडाई अधिकारियों ने भारत के खालिस्तानी आतंकवादियों पर हमलों की योजना के सबूत पेश किए।
इस बीच, आरसीएमपी आयुक्त माइक डुहेम ने कहा कि कनाडा में भारतीय राजनयिकों के संबंध स्थानीय निवासियों के खिलाफ अपराधों से जुड़े हुए हैं, और यह स्थिति देश की सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा बन गई है।