
ST.News Desk : जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर के नेतृत्व में बुधवार को बिहार की राजधानी पटना में हजारों समर्थक नीतीश कुमार सरकार की कथित विफलताओं के खिलाफ विधानसभा मार्च का प्रयास कर रहे थे, जहां पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया।

प्रशांत किशोर ने कहा कि वे शांतिपूर्ण तरीके से मुख्यमंत्री को ज्ञापन देना चाहते थे, जिसमें सरकार द्वारा पिछले दो सालों में 94 लाख परिवारों को 2 लाख रुपये देने के वादे की याद दिलाई गई, लेकिन आज तक एक भी परिवार को एक रुपया नहीं मिला।उन्होंने यह भी कहा कि सरकार उनसे मिलने से इनकार कर रही है और जब तक कोई प्रतिनिधि उनसे नहीं मिलता, वे वहीं बैठेंगे। किशोर ने चेतावनी दी, “लड़ाई अभी शुरू हुई है। तीन महीने बाकी हैं। बिहार की जनता बदलाव चाहती है और भ्रष्टाचारियों को हटाना चाहती है। हम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को उनके घर में घेर लेंगे, पुलिस कुछ नहीं कर पाएगी।”
पटना की एसपी दीक्षा ने बताया कि यह इलाका प्रतिबंधित क्षेत्र है और पुलिस ने मार्च को आगे बढ़ने की इजाज़त नहीं दी। उन्होंने कहा कि पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच बातचीत जारी है, और अगर प्रदर्शनकारियों की तरफ़ से कोई प्रतिनिधिमंडल अपनी माँगें लेकर आता है, तो उन्हें सुना जाएगा। लेकिन किसी भी तरह के नियम उल्लंघन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जन सुराज पार्टी ने इस मार्च की घोषणा पहले ही कर दी थी, जिसमें कहा गया था कि यह मार्च दोपहर में होगा और इसमें राज्य के लगभग एक करोड़ लोगों के हस्ताक्षर शामिल होंगे, जो किशोर के शुरू किए गए हस्ताक्षर अभियान के तहत जुटाए गए थे।
प्रदर्शनकारियों के हाथों में तख्तियाँ थीं, जिन पर तीन मुख्य मुद्दे दर्ज थे। इनमें प्रमुख था कि बिहार सरकार ने जातिगत सर्वेक्षण के बाद गरीब परिवारों को ₹2 लाख की सहायता देने की घोषणा की थी, लेकिन इस सर्वेक्षण में पाया गया कि राज्य की अधिकांश आबादी की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है।
