
ST.News Desk

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिवाली के पावन अवसर पर देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत ने “ऑपरेशन सिंदूर” के माध्यम से न केवल धर्म का पालन किया, बल्कि अन्याय का मुँहतोड़ जवाब भी दिया। यह ऑपरेशन मई महीने में पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में चलाया गया था।
प्रधानमंत्री ने इस सैन्य कार्रवाई को भगवान श्रीराम की शिक्षाओं से जोड़ते हुए कहा कि श्रीराम धर्म के पालन और अन्याय से संघर्ष का प्रेरणास्रोत हैं। उन्होंने याद दिलाया कि यह अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के बाद दूसरी दिवाली है, जो सांस्कृतिक पुनर्जागरण का प्रतीक बन चुकी है।
नक्सल-मुक्त जिलों में पहली बार दीपावली
प्रधानमंत्री मोदी ने इस वर्ष की दिवाली को विशेष बताते हुए कहा कि देश के कई दूरदराज के जिलों में पहली बार दीये जलाए जाएँगे, जहाँ पहले नक्सलवाद और माओवादी आतंकवाद का बोलबाला था। उन्होंने कहा कि अब ये क्षेत्र शांति और विकास की मुख्यधारा से जुड़ चुके हैं, और कई पूर्व उग्रवादी संविधान में विश्वास जताते हुए सामाजिक बदलाव का हिस्सा बन चुके हैं।
“अगली पीढ़ी के सुधार” और जीएसटी राहत
प्रधानमंत्री ने हाल ही में लागू किए गए “अगली पीढ़ी के सुधारों” का उल्लेख करते हुए बताया कि नवरात्रि से पहले कुछ वस्तुओं पर जीएसटी दरों में कटौती की गई, जिससे नागरिकों को हजारों करोड़ रुपये की बचत हुई है। उन्होंने इन सुधारों को “जीवन को आसान और अर्थव्यवस्था को मजबूत” बनाने वाला कदम बताया।
स्वदेशी अपनाने और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता
प्रधानमंत्री ने लोगों से स्वदेशी उत्पादों को गर्व के साथ अपनाने और “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” की भावना को बनाए रखने की अपील की। उन्होंने सभी भाषाओं के सम्मान, स्वच्छता, और स्वास्थ्य के प्रति सजग रहने का भी आग्रह किया। उन्होंने विशेष रूप से नागरिकों से तेल की खपत में 10% की कमी लाने और योग को दैनिक जीवन में शामिल करने का सुझाव दिया।
दिवाली का गहरा संदेश
अपने संदेश में प्रधानमंत्री मोदी ने दिवाली के आध्यात्मिक अर्थ को भी रेखांकित करते हुए कहा, “जब एक दीया दूसरे दीये को जलाता है, तो प्रकाश और भी प्रखर होता है।” उन्होंने देशवासियों से इस पर्व पर समाज में सहयोग, सद्भाव और सकारात्मकता फैलाने का अनुरोध किया।
