crossorigin="anonymous"> बापू के दिखाए मार्ग से विश्व शांति संभव : मुर्मू - Sanchar Times

बापू के दिखाए मार्ग से विश्व शांति संभव : मुर्मू

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नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने महात्मा गांधी को पूरे वि समुदाय के लिए एक ‘अमूल्य देन एवं प्रेरणास्रेत’ बताते हुए सोमवार को कहा कि उनके दिखाए मार्ग पर चलकर आज भी विश्व शांति का लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। राजघाट के पास महात्मा गांधी की 12 फुट ऊंची प्रतिमा और ‘गांधी वाटिका’ का उद्घाटन करने के बाद राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति ने पूज्य बापू के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है तथा महात्मा गांधी की प्रतिमा और गांधी वाटिका इस दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम होगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि महात्मा गांधी के आदशरे एवं मूल्यों ने सम्पूर्ण विश्व को एक नई दिशा दी है। राष्ट्रपति ने कहा कि महात्मा गांधी ने अहिंसा का मार्ग उस समय दिखाया, जब वियुद्ध के कालखंड में वि कलह और संकटों से ग्रस्त था। उन्होंने कहा, ‘गांधीजी के सत्य, अ¨हसा के प्रयोग ने उन्हें महामानव का दर्जा दिया और आज दुनिया के अनेक देशों में उनकी प्रतिमाएं हैं तथा बड़ी संख्या में लोग उन्हें मानते हैं।’
उन्होंने नेल्सन मंडेला, मार्टिन लूथर किंग जूनियर और बराक ओबामा का उदाहरण देते हुए कहा कि कई महान नेताओं ने गांधीजी द्वारा दिखाए गए सत्य और अ¨हसा के मार्ग को वि कल्याण का मार्ग माना।
मुर्मू ने कहा कि बापू के दिखाए मार्ग शात हैं, जिन पर चलकर आज भी वि शांति के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सत्य, अ¨हसा के साथ साथ गांधीजी ने स्वावलंबन, आत्मनिर्भरता, ग्राम स्वराज, स्वच्छता जैसे अनेक विषयों पर अमूल्य विचार दिए।
राष्ट्रपति ने कहा, ‘महात्मा गांधी ने ऐसे भारत के निर्माण पर जोर दिया, जो आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर और नैतिक रूप से सबल हो।’ मुमरू ने कहा कि यह खुशी की बात है कि गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति के अध्यक्ष प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गांधीजी के आदशरे को आत्मसात करते हुए भारत के विकास के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने सभी नागरिकों, विशेष रूप से युवाओं और बच्चों से आग्रह किया कि गांधीजी के बारे में अधिक से अधिक पढें़ और उनके आदशरे को आत्मसात करें।
राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘गांधी जी के लिए पूरा वि एक परिवार था। आज भारत जी20 का नेतृत्व करते हुए वि-बंधुत्व, वि-सहयोग और वि-शांति को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहा है। मुझे विास है कि जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने आए लोग, ‘गांधी दर्शन’ आएंगे और गांधी जी के बारे में जानेंगे।’’
गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति के उपाध्यक्ष विजय गोयल के अनुसार महात्मा गांधी की यह प्रतिमा 45 एकड़ क्षेत्र में फैले गांधी दर्शन परिसर के प्रवेश द्वार पर स्थित है। आगंतुकों के लिए ‘वाटिका’ में एक सेल्फी-प्वाइंट भी बनाया गया है। महात्मा गांधी की प्रतिमा जयपुर के कारीगरों ने बनाई है, जिसमें राष्ट्रपिता ध्यान मुद्रा में बैठे हुए हैं।


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