विपक्षी नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र पर निशाना साधने का एक भी मौका नहीं छोड़ते। आज कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्र सरकार और पीएम मोदी पर जबरदस्ती तरीके से निशाना साधा है। दरअसल, मल्लिकार्जुन खड़गे राहुल गांधी की भारत छोड़ो न्याय यात्रा का विवरण देने के लिए एक संवाददाता सम्मेलन कर रहे थे। इसी दौरान न्याय यात्रा का लोगो और टैगलाइन भी जारी हुआ। तभी अपने दौरे के दौरान लक्षद्वीप के फोटो को साझा करने को लेकर पीएम मोदी पर खड़गे ने निशाना साधा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री लक्षद्वीप जाकर फोटो खिंचवाते हैं लेकिन वह इतने दिनों से मणिपुर नहीं गए।
दरअसल मणिपुर में के बाद से लगातार हिंसा के चपेट में है। मणिपुर मामले को लेकर विपक्ष केंद्र की सरकार पर जबरदस्त तरीके से हमलावर रहता है। खड़गे ने अपने बयान में कहा कि मणिपुर में एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी लेकिन पीएम मोदी या तो समुद्र तट पर गए, फोटो सेशन में तैराकी की, चल रहे मंदिर निर्माण स्थल पर तस्वीरें खिंचवाईं या केरल और मुंबई चले गए। वह हर जगह जाते हैं, आप हर जगह उनकी तस्वीरें देख सकते हैं… बिल्कुल वैसे ही जैसे जागने के बाद सबसे पहले भगवान के ‘दर्शन’। लेकिन ये महापुरुष मणिपुर क्यों नहीं गये?
खड़गे ने यह भी कहा कि भाजपा सरकार खुलेआम ED, CBI, IT का इस्तेमाल कर विपक्ष को डराने-धमकाने का काम कर रही है। यह लोग जब विपक्ष के लोगों को पकड़ते हैं, तो उनके ऊपर कोई भी केस थोप देते हैं। लेकिन जैसे ही वह आदमी भाजपा में शामिल होता है, उसकी छवि साफ हो जाती है। आखिर ये कहां का न्याय है? उन्होंने कहा कि हमने ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ से जुड़ने के लिए INDIA गठबंधन के नेताओं, विभिन्न राज्यों में कांग्रेस के मित्र दलों और सिविल सोसाइटी को आमंत्रित किया है। यात्रा के दौरान उन सभी लोगों स भेंट होगी और विचार-विमर्श किया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप की अपनी यात्रा के अनुभव को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साझा किया था। उन्होंने अपने एक्स पोस्ट में लिखा कि हाल ही में मुझे लक्षद्वीप के लोगों के बीच रहने का अवसर मिला। मैं अभी भी इसके द्वीपों की अद्भुत सुंदरता और यहां के लोगों की अविश्वसनीय गर्मजोशी से आश्चर्यचकित हूं। मुझे अगत्ती, बंगाराम और कावारत्ती में लोगों से बातचीत करने का अवसर मिला। उन्होंने तस्वीरों को साक्षा करते हुए लिखा कि प्राकृतिक सुंदरता के अलावा, लक्षद्वीप की शांति भी मंत्रमुग्ध कर देने वाली है। इसने मुझे इस बात पर विचार करने का अवसर दिया कि 140 करोड़ भारतीयों के कल्याण के लिए और भी अधिक मेहनत कैसे की जाए। उन्होंने कहा कि लक्षद्वीप में हमारा ध्यान उन्नत विकास के माध्यम से जीवन का उत्थान करना है।