महागठबंधन से अलग होने के बाद नीतीश कुमार NDA के साथ जाने को तैयार हैं। इसकी एक ठोस वजह ये थी कि उन्हें विपक्ष में वह स्थान नहीं मिला जो नीतीश कुमार चाहते थे। नीतीश कुमार की वजह से INDIA गठबंधन बना। इस मामले पर JDU नेता के.सी. त्यागी ने कहा कि एक साजिश के तहत नीतिश कुमार को इंडिया गठबंधन के कन्वीनर के तौर से हटाया गया। उन्होंने आगे कहा- “हमें अफसोस है कि हमने कांग्रेस पार्टी को देश की राजनीति में स्वीकार्यता दिलाई, यह पार्टी राजनीति में अछूत हो चुकी थी। TMC, AAP, समाजवादी पार्टी आदि सभी पार्टियों ने गैर भाजपा, गैर कांग्रेस मोर्चे की कोशिश की थी। यह सिर्फ नीतीश कुमार थे जिनकी वजह से INDIA गठबंधन बना और कांग्रेस को फिर से राजनीति में पुनः स्थापित करने और सम्मान दिलाने का काम हमने किया।”
कांग्रेस का कहना है कि उनके राज्य हरियाणा, हिमाचल, उत्तराखंड, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगना, कर्नाटक और असम में वह किसी भी पार्टी के साथ सीटों की कोई तालमेल नहीं करेगी। यहां पर कांग्रेस पार्टी अकेले लड़ेगी और जो क्षेत्रीय दलों द्वारा अर्जित की गई राजनीतिक भूमि है उस पर कांग्रेस डाका डालने के लिए अनैतिक तरीके से हिस्सेदारी मांग रही है। यूपी, बिहार, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र में उन्हें सीट चाहिए। मैं अखिलेश यादव जी के इस बयान से सहमति रखता हूं, जिसमें उन्होंने कहा है की वार्ता पहले से शुरू कर सीटों की तालमेल पर बात करनी चाहिए थी। के.सी त्यागी ने कहा- “हम मुबंई बैठक से पहले से ही कह रहे हैं कि सीटों का बंटवारा जल्द से जल्द होना चाहिए। वह बीजेपी के ताकत को कम करके आंक रहे थे, हमने बीजेपी के साथ काम किया है। जमीनी स्तर पर बीजेपी का काम देखा है। प्रधानमंत्री की लोकप्रियता है इसलिए ऐसी पार्टी (BJP) के खिलाफ लड़ने के लिए जो तामझाम होना चाहिए वह इंडिया अलायंस के पास नहीं है।”
कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व सबको नीचा दिखा करके इसको हड़पना चाहता है। हमें अफसोस है और राहत भी है कि जो इंडिया गठबंधन का निर्माता था जो पहले संयोजक था, आज उन्होंने और जनता दल ने इस गठबंधन से अपने आप को अलग कर लिया है और एनडीए के गठबंधन में हम आज से शामिल हैं। 27 सितंबर 2022 आज से डेढ़ साल पहले हिसार में चौधरी देवीलाल जी की जयंती थी। उसमें मैं भी नीतीश कुमार जी और तेजस्वी यादव जी के साथ उपस्थित था। जितने भी वहां पर नेता थे सबसे नीतीश कुमार जी ने निजी तौर पर हाथ जोड़कर के निवेदन किया था कि कांग्रेस पार्टी को इस गठबंधन में शामिल करें। हमें समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव और के.सी राव की पार्टी इन सब ने गैर कांग्रेसी, गैर बीजेपी मोर्चे बनाने के प्रयास किए थे। इसी प्रस्ताव को लेकर के चंद्रशेखर राव पटना गए थे।
बिहार आरजेडी से स्थानीय स्तर पर कुछ मामलों को लेकर के दिक्कत रही लेकिन गठबंधन जो टूट रहा है, वह कांग्रेस पार्टी की धर्मिता की वजह से टूट रहा है। मैं अपने 50 साल के राजनीतिक अनुभव के आधार पर कह सकता हूं इनका गठबंधन न टीएमसी से होगा न सपा से होगा और बहुत सारी दिक्कतें आएंगी। महाराष्ट्र और तमिलनाडु उनके काम करने का एक भिन्न तरीका था। सितंबर के बाद वह 4 महीने के लिए फिर गोल हो गए। नीतीश कुमार जी ने प्रयास करके पटना में मीटिंग बुलाई उसके बाद 4 महीने के लिए फिर से गोल हो गए। उसके बाद फिर बेंगलुरु में मीटिंग बुलाई गई। जो गैर कांग्रेसी दल कांग्रेस के साथ काम करना चाहते हैं वह कांग्रेस की शर्तों पर कर रहे हैं। किस तरह एक साजिश के तहत खरगे जी का नाम आगे रखा गया।