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कांग्रेस का हाथ देश विरोधी ताकतों के साथ : भाजपा

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कांग्रेस पर हमला तेज करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सोमवार को विपक्षी पार्टी के नेताओं पर भारत को अस्थिर करने की मंशा रखने वाली ‘विदेशी ताकतों’ के साथ सांठगांठ करने का आरोप लगाया और सोनिया गांधी से जॉर्ज सोरोस फाउंडेशन द्वारा वित्तपोषित संगठन की गतिविधियों में ‘सह-अध्यक्ष’ के रूप में अपनी भूमिका का खुलासा करने के लिए कहा।

भाजपा मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने आरोप लगाया कि सुनियोजित तरीके से भारत विरोधी प्रयोग चल रहा है और बिंदु अब जुड़ रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस का हाथ विदेशी ताकतों के साथ है। यह अब स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। कांग्रेस देश की हालत को बदतर बनाना चाहती है।’ इससे एक दिन पहले भाजपा ने आरोप लगाया था कि सोनिया गांधी का संबंध जॉर्ज सोरोस फाउंडेशन द्वारा वित्तपोषित संगठन फोरम ऑफ डेमोक्रेटिक लीडर्स-एशिया पैसिफिक (एफडीएल-एपी) फाउंडेशन से है, जिसने कश्मीर के एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में विचार का समर्थन किया है।

सत्तारूढ पार्टी ने ‘एक्स’ पर किए कई सारे पोस्ट में कहा कि यह संबंध भारत के आंतरिक मामलों में विदेशी संस्थाओं के प्रभाव को दर्शाता है। त्रिवेदी ने दावा किया कि सोनिया गांधी एफडीएल-एपी फाउंडेशन की सह-अध्यक्ष हैं। उन्होंने कहा, ‘आज सोनिया गांधी का जन्मदिन है। हम उन्हें जन्मदिन की बधाई देते हैं। एफडीएल-एपी जॉर्ज सोरोस द्वारा वित्त पोषित है। विनम्रतापूर्वक, हम उनसे पूछते हैं कि उन्होंने एफडीएल-एपी के सह-अध्यक्ष का पद क्यों स्वीकार किया। कांग्रेस-सोरोस की दोस्ती क्या कहलाती है?’ उन्होंने कहा, ‘यह वही जॉर्ज सोरोस हैं जिन्होंने खुले तौर पर वादा किया था कि उन्होंने मोदी सरकार को अस्थिर करने के लिए एक अरब डॉलर का निवेश किया है।’

त्रिवेदी ने इसे गंभीर मामला बताते हुए कहा कि वह और राज्यसभा के अन्य सदस्य इस मुद्दे को उच्च सदन में उठाना चाहते थे लेकिन विपक्ष ने इसकी अनुमति नहीं दी। उन्होंने कहा, ‘सोनिया गांधी बहुत वरिष्ठ नेता हैं। मैं पूछना चाहता हूं कि इसकी गतिविधियों में उनकी क्या भूमिका है।’ भाजपा पिछले हफ्ते से इस मुद्दे को लेकर आक्रामक है। उसने आरोप लगाया था कि विपक्ष के नेता राहुल गांधी और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के अमेरिका स्थित अरबपति जॉर्ज सोरोस समर्थित संगठनों के साथ संबंध हैं जो कथित तौर पर भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं। कांग्रेस ने भाजपा के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान असली साजिश का पर्दाफाश हो रहा है कि सरकार उद्योगपति गौतम अडाणी को बचाने के लिए किसी अन्य देश के साथ भारत के संबंध भी दांव पर लगा देगी।

त्रिवेदी ने कहा कि कुछ लोगों को गलतफहमी है कि वे विदेशी ताकतों की मदद से भारत को अस्थिर करने के अपने प्रयास में सफल हो सकते हैं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार देश के हितों की रक्षा के लिए दृढ़ संकल्पित है। उन्होंने कहा कि ऐसा देखा गया है कि संसद सत्र के दौरान या सत्र शुरू होने से पहले कुछ ऐसी खबरें या घटनाएं सामने आती हैं जिनके कारण लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही बाधित होती है। उन्होंने कहा, ‘किसानों पर एक रिपोर्ट संसद सत्र के दौरान 3 फरवरी, 2021 को आई। पेगासस की रिपोर्ट 18 जुलाई, 2021 को मानसून सत्र शुरू होने से ठीक एक दिन पहले आई थी।’

उन्होंने कहा, ‘हिंडनबर्ग रिपोर्ट बजट सत्र से पहले 24 जनवरी, 2023 को आई थी। संसद सत्र से पहले 17 जनवरी, 2023 को बीबीसी की एक डॉक्यूमेंट्री आई थी।’ उन्होंने कहा कि मणिपुर हिंसा से जुड़ा एक वीडियो जुलाई 2023 में मानसून सत्र से एक दिन पहले आया था और इसी प्रकार सेबी प्रमुख के खिलाफ एक रिपोर्ट अगस्त 2024 में संसद सत्र के दौरान आई थी। उन्होंने कहा कि अब 25 नवंबर को शुरू हुए संसद सत्र से पहले 20 नवंबर को अमेरिका में एक रिपोर्ट आई है। उन्होंने कहा, ‘यह महज संयोग नहीं है बल्कि सुनियोजित भारत-विरोधी प्रयोग है। इस भारत विरोधी प्रयोग की कड़ियां अब धीरे-धीरे जुड़ रही हैं।’ राज्यसभा में भी सोमवार को इस मुद्दे पर हंगामा हुआ और कार्यवाही बाधित हुई। त्रिवेदी ने कहा, ‘विपक्ष इस पर कोई चर्चा नहीं चाहता था। इसलिए हम विपक्ष, खासकर कांग्रेस से पूछना चाहते हैं कि एफडीएल-एपी के साथ आपका क्या संबंध है। स्पष्ट रूप से जवाब दें।’ भाजपा सांसद ने आरोप लगाया कि संगठन भारत विरोधी ताकतों द्वारा वित्त पोषित है।


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