crossorigin="anonymous"> बिहार विधानसभा चुनाव : पहले चरण में 6 नवंबर को 121 सीटों पर मतदान, एनडीए-महागठबंधन में कांटे की टक्कर, जन सुराज पार्टी बनी नया फैक्टर" - Sanchar Times

बिहार विधानसभा चुनाव : पहले चरण में 6 नवंबर को 121 सीटों पर मतदान, एनडीए-महागठबंधन में कांटे की टक्कर, जन सुराज पार्टी बनी नया फैक्टर”

Spread the love

हैदर अली, संचार टाइम्स ब्यूरो रोहतास

बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 6 नवंबर को 121 सीटों पर वोटिंग होगी। इन सीटों पर सत्ताधारी एनडीए और विपक्षी महागठबंधन के बीच कांटे की टक्कर मानी जा रही है।

पिछले विधानसभा चुनाव (2020) में भी दोनों गठबंधनों के बीच मुकाबला बेहद करीबी था — तब महागठबंधन ने 61 और एनडीए ने 59 सीटें जीती थीं। एक सीट बेगूसराय की मटिहानी लोक जनशक्ति पार्टी के खाते में गई थी, लेकिन बाद में उसके विधायक राजकुमार सिंह जेडीयू में शामिल हो गए।

इस बार तस्वीर में एक नया राजनीतिक नाम-प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी (JSP) भी जुड़ गया है।
पिछले साल गांधी जयंती के दिन लॉन्च हुई यह पार्टी ‘स्कूल बैग’ चुनाव चिह्न के साथ बेरोज़गारी, भ्रष्टाचार और पलायन जैसे मुद्दों को लेकर मैदान में उतरी है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि जन सुराज पार्टी कुछ क्षेत्रों में मत समीकरण बिगाड़ सकती है, विशेषकर वहाँ जहाँ जनता पारंपरिक दलों से असंतुष्ट रही है।

पटना विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर और राजनीतिक विश्लेषक नवल किशोर चौधरी के अनुसार, “इस बार दोनों गठबंधनों के बीच मुकाबला बेहद करीबी है, लेकिन जन सुराज पार्टी कुछ उम्मीदवारों की जीत या हार तय कर सकती है।” उन्होंने कहा कि JSP का असर किन सीटों पर पड़ेगा, यह उसके प्रत्याशियों की पहली सूची से स्पष्ट होगा, जिसे 9 अक्टूबर को जारी किया जाना है।

राजनीतिक हलकों में इस बात पर भी चर्चा है कि क्या नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव इस बार दो सीटों से चुनाव लड़ेंगे।
तेजस्वी 2015 और 2020 में वैशाली जिले की राघोपुर सीट से जीते थे, लेकिन अब उनके फूलपरास (मधुबनी) से भी चुनाव लड़ने की संभावना जताई जा रही है। फूलपरास सीट पर यादव और मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं। पिछली बार यहाँ जेडीयू की शीला कुमारी ने कांग्रेस उम्मीदवार को लगभग 10 हजार वोटों से हराया था।

2020 के चुनाव में बीजेपी ने सहारसा, दरभंगा, बेगूसराय, पटना साहिब, बांकिपुर जैसी सीटों पर जीत दर्ज की थी।
जेडीयू के खाते में नालंदा, हर्नौत, तारापुर और वैषाली जैसी सीटें आई थीं।
आरजेडी ने हथुआ, मधेपुरा, सिमरी-बख्तियारपुर, राघोपुर और मोकाामा जैसी सीटों पर विजय पाई।
कांग्रेस ने मुजफ्फरपुर और बक्सर जैसी सीटों पर अच्छा प्रदर्शन किया था।
वामपंथी दलों में CPI (एम-एल) ने 12 सीटें, जबकि CPI और CPM को दो-दो सीटें मिली थीं।
कुल परिणामों में आरजेडी ने 75, बीजेपी ने 74, जेडीयू ने 43 और कांग्रेस ने 19 सीटें जीती थीं।

आगामी विधानसभा चुनाव दो चरणों में 6 और 11 नवंबर को होंगे, जबकि नतीजे 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।
चुनावी माहौल अब धीरे-धीरे गर्म होता जा रहा है। जहाँ एनडीए नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी की जोड़ी को विकास का प्रतीक बताकर वोट मांग रहा है, वहीं महागठबंधन बेरोज़गारी, भ्रष्टाचार और सुशासन की विफलताओं को मुख्य मुद्दा बना रहा है।
उधर, जन सुराज पार्टी जैसे नए दल तीसरे विकल्प के रूप में जनता के बीच अपनी पहचान बनाने की कोशिश में हैं।


Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *