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रोहतास : चेनारी में हत्या के प्रयास के मामले में तीन आरोपी गिरफ्तार, पारिवारिक विवाद से जुड़ा है मामला

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हैदर अली
रोहतास ब्यूरो (संचारटाइम्स.न्यूज)


रोहतास जिले के चेनारी थाना क्षेत्र में हुए एक हत्या के प्रयास के मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। घटना 2 सितंबर 2024 को चेनारी-कुदरा रोड पर स्थित चिमनी भट्टा के पास हुई थी, जब राजकुमार सिंह नामक व्यक्ति को मोटरसाइकिल पर सवार दो अपराधियों ने गोली मारी थी। राजकुमार सिंह को गंभीर रूप से घायल होने के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की थी, और अब तक तीन आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं।

घटना का विवरण

2 सितंबर 2024 को राजकुमार सिंह (पिता- स्व. जगनारायण सिंह), जो कि गांव नेवरास, थाना कुदरा के निवासी हैं, चेनारी से कुदरा लौट रहे थे। इस दौरान चिमनी भट्टा के पास मोटरसाइकिल पर सवार दो अपराधियों ने उन्हें गोली मार दी। गोली लगने के बाद राजकुमार सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए, और उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया।

इस घटना के बाद राजकुमार सिंह ने चेनारी थाना में एक शिकायत दर्ज कराई, जिसमें उन्होंने महेन्द्र सिंह और उमेश सिंह (दोनों पे० हरदेव सिंह, ग्राम नेवरास, थाना कुदरा, जिला कैमूर) के नाम लिए। इसके अलावा दो अन्य अज्ञात व्यक्तियों को भी आरोपित किया गया।

तकनीकी अनुसंधान और वैज्ञानिक साक्ष्य के आधार पर गिरफ्तारी

घटना के बाद पुलिस ने तकनीकी अनुसंधान और वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर आरोपियों की तलाश शुरू की। एसडीपीओ वन, दिलीप कुमार ने जानकारी दी कि, “हमने वैज्ञानिक तरीके से अनुसंधान किया और प्राप्त साक्ष्यों के आधार पर हमें अहम सुराग मिले। इसके बाद, अपराधियों की गिरफ्तारी की गई।”

पहला आरोपी, बड़ेलाल राम उर्फ राकेश कुमार, जो घटना में इस्तेमाल हुए अपराधियों को पैसे और हथियार मुहैया करवा रहा था, उसे 6 नवंबर 2024 को गिरफ्तार किया गया। बड़ेलाल राम का संबध ओयना गांव, थाना कुदरा, जिला रोहतास से है। इसके बाद, 23 नवंबर 2024 को उमेश सिंह को गिरफ्तार किया गया, और 11 जनवरी 2025 को महेन्द्र सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया गया।

महेन्द्र सिंह और उमेश सिंह दोनों चचेरे भाई हैं और इनके बीच पारिवारिक और व्यवसायिक विवाद चल रहा था। इन दोनों ने अपने चचेरे भाई राजकुमार सिंह को जान से मारने की योजना बनाई थी।

पारिवारिक विवाद की पृष्ठभूमि

इस मामले की जड़ में एक लंबे समय से चल रहा पारिवारिक विवाद है। राजकुमार सिंह, उमेश सिंह और महेन्द्र सिंह के बीच जमीन और ईंट भट्टा को लेकर विवाद था। यह विवाद इतना बढ़ चुका था कि पहले ही कुदरा थाना में कई मामले दर्ज हो चुके थे।

महेन्द्र सिंह और उमेश सिंह ने तय किया कि वे अपने चचेरे भाई राजकुमार सिंह को जान से मार देंगे। इसके लिए उन्होंने अपराधियों से ₹5,00,000 की रकम तय की थी, और अग्रिम ₹50,000 भी उन्हें दे दिए थे। इस दौरान, उमेश सिंह और महेन्द्र सिंह दिल्ली चले गए और वहीं से पूरी योजना को अंजाम देने के लिए अपराधियों से संपर्क किया।

पूर्व निर्धारित योजना के अनुसार, भाड़े के अपराधियों ने 2 सितंबर 2024 को राजकुमार सिंह को गोली मार दी, जबकि वे चिमनी भट्टा से कुदरा लौट रहे थे। राजकुमार सिंह इस हमले में गंभीर रूप से घायल हुए, लेकिन किसी प्रकार उनकी जान बच गई।

आगे की कार्रवाई और गिरफ्तारी

पुलिस ने इस मामले में गिरफ्तार किए गए तीन आरोपियों से पूछताछ की है, और उनकी गिरफ्तारी से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिली हैं। पुलिस अब शेष बचे आरोपियों की पहचान और उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है। मामले की जांच जारी है और यह स्पष्ट किया गया है कि इस घटना में शामिल अन्य आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा।

एसडीपीओ वन दिलीप कुमार का बयान

एसडीपीओ वन, दिलीप कुमार ने बताया, “हमारी टीम ने इस मामले में बहुत मेहनत की और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर आरोपियों को गिरफ्तार किया। अब हम शेष आरोपियों की तलाश कर रहे हैं। इस मामले में हर पहलू की गहन जांच की जा रही है, और हम जल्द ही अन्य अभियुक्तों को भी गिरफ्तार करेंगे।”

उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस लगातार सख्त कदम उठा रही है और अपराधियों को पकड़ने के लिए पूरी ताकत से काम कर रही है।

इस मामले में पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है और कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, इस तरह के पारिवारिक विवादों से जुड़े मामलों में बढ़ती हिंसा पर नियंत्रण पाने के लिए और कड़ी निगरानी रखी जाएगी।

इस घटना ने एक बार फिर यह साबित किया है कि पारिवारिक विवादों का हल कानून के दायरे में किया जाना चाहिए, न कि हिंसा के माध्यम से। पुलिस का मानना है कि इस मामले में जल्द ही पूरी सच्चाई सामने आएगी और अपराधियों को सजा मिलेगी।


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