crossorigin="anonymous"> भारत में अमेरिकी दूतावास ने तबला वादक जाकिर हुसैन को श्रद्धांजलि अर्पित की - Sanchar Times

भारत में अमेरिकी दूतावास ने तबला वादक जाकिर हुसैन को श्रद्धांजलि अर्पित की

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संगीत जगत के महानतम कलाकार जाकिर हुसैन का निधन

अमेरिकी दूतावास ने जाकिर हुसैन को श्रद्धांजलि अर्पित की

ST.News Desk : अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को स्थित एक अस्पताल में अंतिम सांस लेने वाले प्रसिद्ध तबला वादक जाकिर हुसैन को भारतीय और अमेरिकी संगीत प्रेमियों से गहरी श्रद्धांजलि मिल रही है। भारत में अमेरिकी दूतावास ने ट्विटर (अब एक्स) पर जाकिर हुसैन का एक विशेष वीडियो पोस्ट करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। यह वीडियो अमेरिका और भारत के 75 सालों के संबंधों के जश्न के अवसर पर बनाया गया था। दूतावास की पोस्ट में लिखा गया, “हमारे दिलों में हमेशा के लिए, वाह उस्ताद वाह! हम उस्ताद जाकिर हुसैन को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, जो एक सच्चे उस्ताद थे और जिन्होंने दुनिया भर में लाखों दिलों को छू लिया।”

73 वर्ष की आयु में जाकिर हुसैन का निधन फेफड़ों की गंभीर बीमारी इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस के कारण हुआ। उन्हें दो सप्ताह से अस्पताल में भर्ती किया गया था, जहां उनकी स्थिति बिगड़ने के बाद उन्हें आईसीयू में रखा गया था। हुसैन के परिवार ने बताया कि उन्होंने “सुकून के साथ अंतिम सांस ली।”

हुसैन ने अपने छह दशकों के करियर में भारतीय और पश्चिमी संगीत के प्रसिद्ध कलाकारों के साथ मिलकर अद्भुत संगीत प्रस्तुत किया। उन्होंने 1973 में गिटारवादक जॉन मैकलॉघलिन और अन्य संगीतकारों के साथ भारतीय शास्त्रीय संगीत और पश्चिमी जैज़ के संलयन को नया रूप दिया, जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया। हुसैन का कार्य भारतीय शास्त्रीय संगीत को वैश्विक मंच पर पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

अपने करियर में हुसैन ने पांच ग्रैमी पुरस्कार जीते, जिनमें से तीन पुरस्कार उन्हें 2023 के 66वें ग्रैमी पुरस्कार समारोह में मिले। भारत सरकार ने उन्हें ‘पद्म श्री’ (1988), ‘पद्म भूषण’ (2002), और ‘पद्म विभूषण’ (2023) जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया।


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