देश में भीषण गर्मी का कहर जारी है. कई राज्यों में मौसम विभाग ने हीटवेव का रेड अलर्ट जारी किया है. ऐसे में हर किसी को ज्यादा बाहर में घूमने से बचने के लिए कहा गया है. वैसे बाहर न जाना शायद ही किसी के लिए संभव हो पर बाहर जाने के बाद अगर लू लग जाए या तेज धूप से शरीर तपने लगे तो भूलकर भी क्रोसिन (Crocin), डोलो (Dolo), काल्पोल (Calpol), सूमो एल (Sumo L), कांबीमोल (Kabimol) और पेसीमोल (Pacimol) जैसी पेरासिटामोल दवाओं का सेवन न करें. यदि आप ऐसा करेंगे तो इसका भारी खामियाजा भुगतना पड़ सकता है.
लिवर पर सीधा हमला
राममनोहर लोहिया अस्पताल के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. अजय चौहान बताया कि गर्मी के दिनों में पेरासिटामोल का इस्तेमाल आपकी कई परेशानियों का बढ़ा सकता है. उन्होंने बताया कि जब आप बाहर निकलते हैं और आपको ऐसा लगता है कि शरीर तपने लगा है तो इसका मतलब यह नहीं कि आपको बुखार है. इसलिए पहली बात तो यह गर्मी में बाहर निकलने पर शरीर गर्म जरूर हो जाता है लेकिन जरूरी नहीं कि यह बुखार ही हो. इसलिए जब आप इस स्थिति में पेरासिटामोल लेंगे तो इसका असर होगा ही नहीं. दूसरा यह लिवर को भारी नुकसान पहुंचा सकता है. डॉ. अजय चौहान ने बताया कि पेरासिटामोल बुखार न होने की स्थिति में लिवर से निकलने वाले एंजाइम को प्रभावित करने लगता है. इससे एंजाइम सही तरीके से अपना काम नहीं कर पाएगा और मेटाबोलिज्म डिस्टर्ब होने लगेगा. गंभीर स्थिति होने पर लिवर कोशिकाएं डैमेज होने लगती है और इसमें लिवर फेल्योर का खतरा भी बढ़ सकता है. इसलिए बहुत ज्यादा गर्मी में बिना मतलब पेरासिटामोल न खाएं. जब तक डॉक्टर सलाह न दें, तब तक पेरासिटामोल का सेवन न करें.
डॉ. अजय चौहान ने बताया कि हम सब जानते हैं कि लू लगने के बाद शरीर में पानी की भारी कमी होने लगती है और बेहोशी, बेचैनी, उल्टी, मतली समेत कई तरह की दिक्कतें आने लगती है. गर्म हवा या लू चलने के बाद शरीर में खून की नलियां चौड़ी होने लगती है जिस कारण खून का फ्लो भी कम हो जाता है और इससे हार्ट को खून पंप करने में बहुत मशक्कत करनी पड़ती है. इन स्थितियों में शरीर में ऑक्सीजन की भी कमी हो सकती है. इसलिए लू लगने के बाद शरीर में कई तरह की परेशानियां आ सकती हैं. जैसे बाहर निकलने पर बहुत थकान, चक्कर, कमजोरी, बेचैनी, मतली, बेहोशी, उल्टी, जैसे लक्षण दिखने लगते हैं. वहीं मामला गंभीर होने पर स्किन में चिड़चिड़ापन, सांस लेने में दिक्कत, हार्ट रेट में तेजी जैसी परेशानियां बढ़ जाती है. इन स्थितियों में तुरंत डॉक्टरों से संपर्क करना चाहिए.
सबसे पहले गर्मी के दिनों में जितना संभव हो सके, उतना कम बाहर निकलें. गर्मी में ढीले कपड़े पहनें. पर्याप्त पानी पिएं. सीजनल पानी वाली चीजें खाते रहें. जैसे खीरा, ककड़ी, तरबूज आदि. बाहर निकलते हैं तो टोपी पहन लें. लू चल रही है तो सूती कपड़े को पानी में भीगा कर सिर पर लपेट लें. गर्मी के दिनों हल्का भोजन करें. डॉ. अजय चौहान ने बताया कि इन सबके बावजूद हर इंसान में टेंपरेचर को बर्दाश्त करने की क्षमता अलग-अलग होती है. लेकिन जो लोग एयरकंडीशन में ज्यादा रहते हैं उनकी बॉडी बाहर की तपिश भरी गर्मी को झेलने के लिए तैयार नहीं होते. इसलिए ऐसे लोगों को सतर्कता के साथ तेज धूप में बाहर निकलना चाहिए. वहीं किसी भी हाल में गर्मी लगने के बाद पेरासिटामोल का सेवन नहीं करना चाहिए.