शिलांग। मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के. संगमा ने कहा है कि पूर्वोत्तर के युवाओं को अपनी मानसिकता बदलनी चाहिए और आरक्षण से ऊपर उठकर देखना चाहिए क्योंकि वे दुनिया में किसी से भी प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम हैं।
वॉयस ऑफ पीपुल्स पार्टी (वीपीपी) सहित विभिन्न संगठनों की मांगों के बाद उनकी सरकार ने राज्य की नौकरी आरक्षण नीति की समीक्षा के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित की थी। संगमा का यह बयान उसके दो महीने बाद आया है। उन्होंने कहा, ‘आदिवासी समुदाय को यह उम्मीद नहीं करना चाहिए कि जीवन के सभी क्षेत्रों में आरक्षण होगा। हमें आरक्षण से ऊपर उठकर देखने की जरूरत है और पूर्वोत्तर के युवाओं की मानसिकता यह होनी चाहिए कि वे दुनिया में किसी से भी प्रतिस्पर्धा में सफल होने में सक्षम हैं।’ उन्होंने कहा, ‘यह जरूरी है कि उनकी एक पहचान हो और उन्हें इस पर गर्व हो, लेकिन उन्हें चीजों को हल्के में नहीं लेना चाहिए।’
संगमा बुधवार को यहां नॉर्थ ईस्ट इंडिजिनस पीपुल्स फोरम (एनईआईपीएफ) द्वारा वि आदिवासी दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने माना कि क्षेत्र के लोगों को कई मुद्दों का सामना करना पड़ता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों और मंचों के माध्यम से पूर्वोत्तर उन समस्याओं से ऊपर उठ सकता है और एक साथ मजबूत होकर उभर सकता है।
उन्होंने कहा, ‘मणिपुर की स्थिति देखकर मुझे दुख होता है और मुझे उम्मीद है कि एनईआईपीएफ जैसे मंच शांतिपूर्ण समाधान के लिए यह मुद्दा उठाएंगे।’ संगमा ने कहा कि एनईआईपीएफ को आदिवासी मूल के लोगों के ज्ञान और उनकी प्रथाओं का भी अध्ययन, अनुसंधान और दस्तावेजीकरण करना चाहिए ‘जिनके पास दुनिया को देने के लिए बहुत कुछ है’। उन्होंने कहा, ‘ज्ञान की इस संपदा को युवा पीढ़ी तक पहुंचाया जाना चाहिए और बाकी दुनिया के साथ साझा किया जाना चाहिए।’ कार्यक्रम में अन्य पूर्वोत्तर राज्यों के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।