ईडी ने रविवार को एक नए मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पूछताछ के लिए बुलाया है। केजरीवाल को 18 मार्च को पूछताछ के लिए पेश होने को कहा गया है। ये मामला दिल्ली जल बोर्ड में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग का है, जिसकी पूछताछ के लिए दिल्ली के सीएम को ईडी ने तलब किया है। बता दें, इससे पहले दिल्ली शराब नीति मामले में पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय केजरीवाल को आठ बार समन भेज चुका है, जिनको अवैध बताते हुए दिल्ली सीएम एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए हैं।
क्या है मामला?
सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एक एफआईआर पर ईडी जांच कर रही है। इस एफआईआर के अनुसार, दिल्ली जल बोर्ड के पूर्व मुख्य इंजीनियर जगदीश कुमार अरोड़ा ने एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को 38 करोड़ रुपये का ठेका दिया था। ये ठेका विद्युत चुम्बकीय प्रवाह मीटरों की आपूर्ति, स्थापना और परीक्षण के लिए दिया गया था। एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर ने जाली दस्तावेजों के आधार पर बोली हासिल की और अरोड़ा को इस तथ्य की जानकारी थी कि कंपनी तकनीकी पात्रता पूरी नहीं करती है। एफआईआर में डीजेबी और एनबीसीसी के अधिकारियों ने रिश्वत लेकर अवैध रूप से एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर को फायदा पहुंचाने का भी आरोप लगाया है। बता दें, इस मामले में ईडी ने 31 जनवरी को अरोड़ा और एक ठेकेदार अनिल कुमार अग्रवाल को गिरफ्तार किया था।
ईडी दिल्ली जल बोर्ड मामले में मनी ट्रेल की जांच कर रही है। ईडी ने आरोप लगाया है कि एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर को गलत तरीके से कॉन्ट्रैक्ट देने के बाद अरोड़ा को नकद और बैंक खातों में रिश्वत मिली, जिसे उन्होंने विभिन्न पार्टियों को चंदे में दे दिया। इसमें आप पार्टी से जुड़े लोग भी शामिल थे। ईडी के बयान के अनुसार, रिश्वत की रकम आप को चुनावी फंड के तौर पर भी दी गई थी।
आप नेता और दिल्ली की मंत्री आतिशी ने ईडी के समन पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘कोई नहीं जानता कि डीजेबी का यह मामला किस चीज को लेकर है। यह किसी भी तरह केजरीवाल को गिरफ्तार करने और उन्हें लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार करने से रोकने की एक वैकल्पिक योजना लगती है।’