crossorigin="anonymous"> कांग्रेस की अहम बैठक में कैंडी क्रश खेलते हुए दिखे CM भूपेश बघेल, BJP ने कसा तंज, बघेल बोले- खेलता रहूंगा - Sanchar Times

कांग्रेस की अहम बैठक में कैंडी क्रश खेलते हुए दिखे CM भूपेश बघेल, BJP ने कसा तंज, बघेल बोले- खेलता रहूंगा

Spread the love

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर उसके नेता अमित मालवीय की एक्स पोस्ट पर पलटवार किया, जिसमें उन्होंने सीएम को चुनाव-संबंधी पार्टी की बैठक के दौरान ‘कैंडी क्रश’ खेलते हुए दिखाया था। अपने पलटवार में भूपेश बघेल ने कहा कि पहले भाजपा को ऐतराज़ था कि मैं गेड़ी क्यों चढ़ता हूं, भौंरा क्यों चलाता हूं, गिल्ली डंडा क्यों खेलता हूं, प्रदेश में छत्तीसगढ़िया ओलंपिक क्यों हो रहे हैं? उन्होंने कहा कि कल एक बैठक से पहले फ़ोटो मिल गई जिसमें मैं कैंडी क्रश खेल रहा हूं। अब भाजपा को उस पर ऐतराज़ है। दरअसल उनको मेरे होने पर ही ऐतराज़ है। पर यह तो छत्तीसगढ़ के लोग हैं जो तय करते हैं कि कौन रहेगा कौन नहीं रहेगा।

भूपेश बघेल ने आगे कहा कि मैं गेड़ी भी चढूंगा, गिल्ली डंडा भी खेलूंगा। कैंडी क्रश भी मेरा फेवरेट है। ठीक ठाक लेवल पार कर लिया हूँ, वो भी जारी रहेगा। बाकि छत्तीसगढ़ को पता है कि किसे आशीर्वाद देना है। सीएम की कैंडी क्रश खेलते हुए तस्वीर पर बीजेपी नेता मालवीय ने बघेल पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कांग्रेस नेता जानते हैं कि उनकी सरकार वापस नहीं आएगी। उन्होंने तंज भरे लहजे में कहा कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी निश्चिंत हैं, उन्हें पता है कि कितना भी संघर्ष कर लें, सरकार नहीं आएगी। शायद इसीलिए उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी चयन से जुड़ी बैठक पर ध्यान देने की बजाय CANDY CRUSH खेलना उचित समझा।

आपको बता दें कि आदिवासी मतदाताओं के प्रभुत्व वाले छत्तीसगढ़ में 7 नवंबर और 17 नवंबर को मतदान होगा। चुनाव दो चरणों में होगा और वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी। भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) ने सोमवार को घोषणा की। चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के साथ, आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) लागू हो जाती है। राज्य में भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला देखने को मिलेगा, हालांकि आप, हमार राज, अनुभवी आदिवासी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम द्वारा नव स्थापित संगठन और सर्व आदि दल (एसएडी) जैसे कुछ नए शामिल हुए हैं, जिसका उद्देश्य गठबंधन बनाना है। अल्पसंख्यकों और आदिवासियों का प्रभाव, कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में परिणाम को प्रभावित कर सकता है।


Spread the love