एक शोध से यह बात सामने आई है कि कोविड-19 संक्रमण के पांच महीने बाद लगभग एक तिहाई रोगियों में कई गंभीर बीमारियां देखने को मिल रही हैं। रोगियों के कई अंगों, विशेष रूप से फेफड़े, मस्तिष्क और गुर्दे में असामान्यताएं देखी गई हैं। मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (एमआरआई) स्कैन पर आधारित द लैंसेट रेस्पिरेटरी मेडिसिन में प्रकाशित अध्ययन से पता चला है कि कोविड संक्रमण के बाद अस्पताल से छुट्टी पाने वाले मरीजों के फेफड़ों में असामान्यताएं देखी गई। यह लगभग 14 गुना थीं। मस्तिष्क में यह तीन और गुर्दे से संबंधित असामान्यताएं दो गुना अधिक थी।
एमआरआई से सामने आया कि गंभीर कोविड संक्रमण, उम्र, और पुुरानी बीमारियों वाले मरीज ज्यादा प्रभावित दिखे। ऑक्सफोर्ड विविद्यालय के रेडक्लिफ मेडिसिन विभाग के डॉ. बेट्टी रमन ने कहा, हमें एमआरआई में लगभग तीन में से एक मरीज के अंगों में असामान्यताएं देखने को मिली। यह निष्कर्ष अस्पताल में भर्ती होने के बाद 500 कोविड रोगियों की एमआरआई के बाद सामने आया। यह शोध कोविड-19 के 259 मरीजों पर किया गया जिसमें से 52 मरीजों को खास निगरानी पर रखा गया। यूके में 13 स्थानों पर भर्ती किए गए मरीजों को अस्पताल से छुट्टी मिलने के औसतन पांच महीने बाद हृदय, मस्तिष्क, फेफड़े, लिवर और गुर्दे को कवर करने वाले एमआरआई स्कैन से गुजरना पड़ा। उनका रक्त परीक्षण भी हुआ। अध्ययन में पाया गया कि कुछ अंग चोट के साक्ष्य से संबंधित हैं।
उदाहरण के लिए, फेफड़ों की एमआरआई में असामान्यताओं के साथ सीने में जकड़न और खांसी के लक्षण सीधे विकारों से जुड़े नहीं हो सकते। अस्पताल में भर्ती पूर्व कोविड रोगियों में हृदय और लिवर के नुकसान का स्तर खास निगरानी में रखे गए मरीजों के समान था। शोध में इस बात की भी पुष्टि की गई कि अस्पताल में भर्ती होने वाले उन रोगियों में भी असामान्यताएं पाई गई जिन्होंने कोविड के बाद खराब शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की सूचना दी थी। डॉ. बेट्टी रमन ने कहा कि एमआरआई में मरीजों के दो से अधिक अंग प्रभावित थे। उन्होंने कहा, हमारे निष्कर्ष गुर्दे, मस्तिष्क और मानसिक स्वास्थ्य पर केंद्रित प्रभावों पर प्रकाश डालते हैं। खासकर उन लोगों पर जो कोविड-19 के कारण अस्पताल में भर्ती हैं।