रांची। झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की कथित संलिप्तता वाले खनन पट्टा मामले का जिक्र करते हुए कहा कि हर किसी को अपनी गलतियों का खामियाजा भुगतना पड़ता है।
राधाकृष्णन ने राज्य में संगठित अपराध और नक्सलवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता पर भी जोर दिया और जिस तरह से आपराधिक गिरोह ‘जेल से काम’ कर रहे हैं तथा नक्सलियों द्वारा सुरक्षा कर्मियों की हत्या की जा रही है, उसे लेकर नाखुशी जाहिर की। उन्होंने ‘जेल से जारी आपराधिक गतिविधियों’ और नक्सलियों द्वारा सुरक्षाकर्मियों की हत्या को ‘चिंताजनक’ और ‘दुखदायी’ बताया। राज्यपाल ने सोरेन की कथित संलिप्तता वाले अवैध खनन मामले का जिक्र करते हुए कहा कि ‘हर किसी को अपने कर्मों का परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए’ और ‘सनसनीखेज मामलों से जल्दबाजी में नहीं निपटा जा सकता।’
राधाकृष्णन ने राज्यपाल द्वारा पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाए जाने के आरोपों को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि वह किसी आरक्षण के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन संविधान का संरक्षक होने के नाते, वह झारखंड में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी), अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और आर्थिक रूप से कमजोर वगरें को नौकरियों में 77 प्रतिशत आरक्षण के प्रस्ताव वाले विधेयक को मंजूरी देने के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा आरक्षण को लेकर तय की गई 50 प्रतिशत की सीमा संबंधी दिशा-निर्देश का उल्लंघन नहीं कर सकते। राज्यपाल ने कहा, ‘कानून-व्यवस्था की स्थिति का केवल आंकड़ों के जरिये अध्ययन नहीं किया जा सकता। हमें संगठित अपराध और अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी होगी।