crossorigin="anonymous"> घरेलू और निजी प्रतिबद्धताएं महिलाओं के व्यवसाय पर भारी - Sanchar Times

घरेलू और निजी प्रतिबद्धताएं महिलाओं के व्यवसाय पर भारी

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इस साल एओटेरोआ न्यूजीलैंड में 2015 के बाद से व्यापार बंद होने की दर सबसे अधिक देखी गई, 10,662 कंपनियों को कंपनी के कार्यालय त्रैमासिक रजिस्टर से हटा दिया गया। महिला उद्यमियों को विशेष रूप से कड़ी मार पड़ी है। महिलाओं के स्वामित्व वाले व्यवसायों ने अपने कारोबार बंद कर दिए हैं। एक वैिक रिपोर्ट के अनुसार, घरेलू प्रतिबद्धताओं के साथ-साथ महामारी ने महिला उद्यमियों के सामने उनके पुरुष समकक्षों की तुलना में बड़ी बाधाएँ खड़ी की हैं। 49 देशों में हुए सव्रेक्षण में, 18% महिला उद्यमियों ने व्यक्तिगत और पारिवारिक कारणों से व्यवसाय छोड़ा या उससे निकल गईं, जबकि इस तरह की घटनाओं में पुरुषों की संख्या केवल 12.6% थी।


एक नए शोध ने महिला उद्यमियों के अपने व्यवसाय से बाहर निकलने के निर्णय के पीछे के व्यक्तिगत और पारिवारिक कारणों की जांच की। शोधकर्ताओं ने पाया कि महिला उद्यमियों को अक्सर महसूस होता था कि यदि वे एक व्यवहार्य घरेलू जीवन बनाए रखना चाहती हैं तो उनके पास अपना व्यवसाय छोड़ने या बंद करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
घरेलू मांगें : यूके में 16 महिला संस्थापकों से बात की गई, जिन्होंने व्यक्तिगत कारणों से अपने स्टार्टअप को छोड़ दिया, जिनका वित्तीय या प्रदर्शन के मुद्दों से कोई लेना-देना नहीं था। इन कारणों में आम तौर पर घरेलू और व्यावसायिक मांगों को संतुलित करना शामिल होता है, और अक्सर बच्चों और बुजुगरें की देखभाल के लिए लैंगिक जिम्मेदारियां भी शामिल होती हैं। अक्सर, पुरुषों का करियर पत्नी के करियर के मुकाबले अधिक अहमियत रखता है। उदाहरण के लिए, एक सौंदर्य विशेषज्ञ ने अपने बच्चों की देखभाल के लिए अपना बढ़ता हुआ व्यवसाय बंद कर दिया क्योंकि उसके पति का मेडिकल करियर बहुत चुनौतीपूर्ण था। इस संबंध में उन्होंने समझाया: अगर हम दोनों ने करियर पर ध्यान देने की कोशिश की होती, तो हम झगड़ते और बच्चों तथा पारिवारिक जीवन पर असर पड़ता।


एक अन्य महिला, जिसने सात शहरों में चलने वाली आयरिश डांस स्कूल फ्रेंचाइजी की स्थापना की थी, ने न चाहते हुए भी इसे बेचने का फैसला किया। उन्होंने बताया कि दो छोटे बच्चों के साथ यात्रा करना मुश्किल है और इसका सीधा मतलब है कि उनका सफल व्यवसाय जारी रखना अब संभव नहीं है। जो महिलाएं नि:संतान थीं, वे भी अक्सरंिलग आधारित व्यक्तिगत कारणों का हवाला देती थीं। सब पा लिया : जिन महिलाओं से बात की गई, उन्होंने परिवार को प्राथमिकता देने की अपेक्षाओं की ओर इशारा करते हुए अपने व्यवसायिक हित त्याग देने के निर्णयों को तर्कसंगत बनाया। उन्होंने ‘सब कुछ हासिल करने’ के इस कथित अवसर से आगे न देख पाने के लिए स्वयं को दोषी ठहराया। बार-बार हमारा समाज इस मिथक को बढ़ावा देता है कि उद्यमिता कार्य/जीवन असंतुलन का कारण है, और किसी के काम के बजाय लचीलेपन के वांछित कैरियर लक्ष्य को अनलॉक करने का रहस्य है।


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