Patna/Delhi : नौकरी के बदले जमीन घोटाले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने लालू परिवार को बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने आज बुधवार को राजद सुप्रीमो लालू यादव, राबड़ी देवी, मीसा भारती, तेजस्वी यादव समेत 6 आरोपियों की जमानत याचिका पर सुनवाई की. राउज एवेन्यू कोर्ट ने याचिका स्वीकार कर ली और लालू, राबड़ी, तेजस्वी समेत 6 आरोपियों को जमानत दे दी. कोर्ट ने सभी को 50,000 के निजी मुचलके पर नियमित जमानत दी है. अब मामले की अगली सुनवाई 16 अक्टूबर को होगी. इससे पहले कोर्ट ने लालू, राबड़ी, तेजस्वी यादव कुल 17 आरोपियों को समन जारी कर 4 अक्टूबर को कोर्ट में मौजूद रहने को कहा था.
लालू और राबड़ी के खिलाफ पहले ही चार्जशीट दाखिल कर चुकी है सीबीआई
बता दें कि नौकरी के बदले जमीन घोटाले में सीबीआई ने तीन जुलाई को नयी चार्जशीट दायर की थी, जिसमें तेजस्वी यादव को भी आरोपी बनाया था. इससे पहले सीबीआई द्वारा दायर चार्जशीट में तेजस्वी का नाम नहीं था. हालांकि लालू, राबड़ी, मीसा भारती सहित अन्य आरोपियों का नाम पहले से ही चार्टशीट में थी. सभी को बेल भी मिल चुकी है. वहीं 12 सितंबर को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लालू के खिलाफ केस चलाने की अनुमति सीबीआई को दी थी.
ईडी और सीबीआई दोनों कर रही मामले की जांच
बता दें कि जमीन के बदले नौकरी मामले में सीबीआई की टीम लालू और उनके करीबियों के घर छापेमारी की थी. सीबीआई के अधिकारी राजद प्रमुख और उनके परिवार वालों से लगातार पूछताछ कर रहे हैं. सीबीआई की टीम ने लालू प्रसाद यादव से दिल्ली में पूछताछ की थी. वहीं बिहार में राबड़ी देवी के आवास भी सीबीआई टीम पूछताछ करने गयी थी. ईडी भी इस मामले की जांच कर रही है. ईडी ने लालू प्रसाद यादव, उनके करीबियों और अन्य आरोपियों के घर पर छापेमारी की थी. ईडी ने दिल्ली, दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, पटना और रांची में कई ठिकानों पर भी रेड मारी थी. ईडी ने ट्वीट करके बताया था कि छापेमारी में 1 करोड़ रुपये की नकदी, डेढ़ किलो से ज्यादा के सोने के गहने, 540 ग्राम सोना, अमेरिकी डॉलर समेत कई चीजें बरामद हुई.
ईडी का दावा, 600 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग के साक्ष्य मिले
बता दें कि ईडी ने सीबीआई की प्राथमिकी के आधार पर प्रिवेंशन आफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज किया है. जमीन के बदले नौकरी घोटाले में ईडी ने अब तक 600 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग के साक्ष्य मिलने का दावा किया है. ईडी के अनुसार, अपराध से बनायी गयी संपत्तियों में से 350 करोड़ की अचल संपत्ति है. जबकि 250 करोड़ बेनामी लोगों के माध्यम से लालू यादव के परिवार के पास आये. ईडी के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, ग्रुप डी की नौकरियों के बदले मात्र 7.5 लाख में लिये चार जमीन को राजद के पूर्व विधायक सैयद अबु दोजाना को 3.5 करोड़ में बेचा गया. राबड़ी देवी ने इसका अधिकांश हिस्सा तेजस्वी यादव को ट्रांसफर कर दिया था. इसके भी साक्ष्य ईडी के पास मौजूद हैं.
लालू ने रेल मंत्री रहते हुए नौकरी के बदले लिखवा लीं जमीन
सीबीआई का आरोप है कि 2004 से 2009 के दौरान लालू यादव के रेल मंत्री रहते हुए नौकरी के बदले कथित जमीन घोटाला हुआ था. इस दौरान लालू यादव ने पटना के 12 लोगों को ग्रुप डी में चुपके से नौकरी दी और उनसे अपने परिवार के लोगों के नाम पटना में जमीनें लिखवा लीं. सीबीआई का दावा है कि लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती और हेमा यादव के नाम प्लॉट्स की रजिस्ट्री करायी गयी और जमीन की मामूली कीमत नकद में चुकायी गयी. उधर रेलवे में जिन पदों पर भर्ती हुई, उसका न तो विज्ञापन निकाला गया और न ही सेंट्रल रेलवे को सूचना दी गयी. आवेदन देने के 3 दिन के अंदर नौकरी दे दी गयी.