
लोकसभा अध्यक्ष ओम विरला का कहना है कि संसद की सुरक्षा की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया है, जो जल्दी ही अपनी रिपोर्ट देगी। उन्होंने कहा कि 13 सांसदों के निलम्बन और संसद की सुरक्षा में हुई चूक का आपस में कोई संबंध नहीं है। सदस्यों को निलम्बन संसदीय परम्पराओं के उल्लंघन के कारण किया है।
गत 13 दिसम्बर को संसद भवन की सुरक्षा में भारी चूक हुई थी। दो युवक लोकसभा में कूद गये थे और उन्होंने रंगीन धुंआ उड़ाया था। इसके बाद से विपक्ष दोनों सदनों में हंगामा कर रहा है जिसके कारण लोकसभा से 13 और राज्यसभा से एक सदस्य को निलम्बित करना पड़ा।
बिरला ने कहा कि सदन की गरिमा और प्रतिष्ठा की सुरक्षा के लिए सदन को सासंदों के निलंबन का कठोर निर्णय लेना पड़ा है। इस निर्णय का मुझे भी दुख है। लेकिन, आप सभी से मेरी अपेक्षा भी है कि भविष्य में सभी सदस्य सदन की गरिमा को सर्वोपरि रखेंगे। उन्होंने लिखा कि लोकसभा अध्यक्ष के रूप में मेरा सदैव यही प्रयास रहा है कि सदन के अंदर सार्थक चर्चा हो, जिसमें सभी सदस्यों का सकारात्मक और रचनात्मक योगदान हो। हमारे सामूहिक प्रयासों से ही सदन ने कार्य उत्पादकता के नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। मेरा विास है कि हमारे सामूहिक प्रयासों से भविष्य में भी यह सदन लोकतंत्र को और अधिक सशक्त बनाने में तथा व्यापक सामाजिक सरोकारों को पूरा करने में समर्थ होगा। मेरा आप सभी सदस्यों से अनुरोध है कि जनप्रतिनिधि होने के नाते राष्ट्र के प्रति हमारे जो कर्तव्य हैं, उनका हम निष्ठापूर्वक अनुपालन करें। मेरा विास है कि मुझे आप सभी सम्मानित साथियों का पूर्ण सहयोग एवं समर्थन निरंतर प्राप्त होता रहेगा।
गृह मंत्रालय ने सीआरपीएफ के डीजी अनीश दयाल की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है। इसके अलावा बिरला ने भी एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है। बिरला का कहना है कि सदन के भीतर हुई इस घटना की गहन जांच के लिए एक उच्चस्तरीय जांच कमेटी बनाई गई है। इस कमेटी ने अपना काम शुरू कर दिया है। शीध्र ही इस कमेटी की रिपोर्ट को सदन के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। इसके अतिरिक्त मैंने एक हाई पार्वड कमेटी और बनाई है, जो संसद परिसर में सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं की व्यापक समीक्षा करेगी। यह कमेटी, संसद की सुरक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ करने के लिए एक ठोस कार्य योजना बनाएगी, ताकि फिर कभी कोई ऐसी किसी घटना को अंजाम ना दे सके।
बिरला ने कहा कि लोकसभा में 13 दिसंबर को जो दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी है, वह निश्चित तौर पर हम सबके लिए गहरी चिंता का विषय है। इस घटना पर हमने सदन में भी सामूहिक रूप से चिंता व्यक्त की थी। उसी दिन मैंने इस विषय पर सभी दलों के नेताओं के साथ विचार-विमर्श किया था कि किस प्रकार हम संसद की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत कर सकते हैं। उस बैठक में आपकी ओर से दिए गए महत्वपूर्ण सुझावों को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है।

