मुंबई। अनुभवी अभिनेत्री शबाना आजमी ने मशहूर पटकथा लेखक, कवि और निर्देशक जावेद अख्तर के शुरुआती दिनों की कहानी साझा की। अपने पति के संघर्ष के बारे में उन्होंने कहा कि वह अपनी जेब में महज 27 पैसे लेकर मुंबई आए थे। उनके पास केवल सपनों और दृढ़ संकल्प से भरा दिल था, जिसने उन्हें सफल बनाया।एक्स पर एक्ट्रेस ने 1960 के दशक में मुंबई आए एक युवा व्यक्ति के रूप में जावेद अख्तर के शुरुआती दिनों का विवरण दिया और लिखा, 4 अक्टूबर 1964 को एक युवक अपनी जेब में 27 पैसे और सपनों से भरा दिल लेकर बॉम्बे सेंट्रल स्टेशन पर पहुंचा।
उन्होंने कहा, वह रेलवे स्टेशनों और फुटपाथों पर सोते थे, कई दिनों तक बिना खाने के रहते थे, लेकिन खुद पर उनका विास उनका निरंतर साथी बना था। वह खुद से कहते रहते, मैं यूं ही मरने के लिए नहीं पैदा हुआ हूं। उन्होंने लिखा, उनकी प्रतिभा, उनके लचीलापन, उनके दृढ़ संकल्प, उनकी भावना और उनके दोस्तों के समर्थन ने उन्हें वह आदमी बनाया जो वह आज हैं-जावेद अख्तर। बता दें कि शबाना आजमी जावेद अख्तर की दूसरी पत्नी हैं। जावेद की पहली शादी पटकथा लेखक हनी ईरानी से हुई थी। इस शादी से उन्हें दो बच्चे हैं-अभिनेता-निर्देशक-लेखक फरहान अख्तर और निर्देशक-निर्माता जोया अख्तर। शादी के कुछ सालों बाद दोनों अलग हो गए और फिर 1984 में शबाना और जावेद ने शादी कर ली। शबाना आजमी को हाल ही में फिल्म ‘रॉकी और रानी की प्रेम कहानी’ और ‘घूमर’ में देखा गया था।