श्री प्रकाश ने झारखंड़ में बढ़ती ऊर्जा आवश्यकता को देखते हुए झारखंड़ में बायो-सीएनजी प्लांट की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने लिखा है कि बायो-सीएनजी प्लांट लगने से कचरे का निपटारा और ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी आएगी साथ ही साथ रोजगार सृजन का नया आयाम स्थापित होगा। अपने पत्र में लिखा है कि झारखंड में रांची, जमशेदपुर,धनबाद, बोकारो, हजारीबाग, दुमका, मेदिनीनगर व चाईबासा में जैव – सीएनजी संयंत्र की स्थापना होने से यह परियोजना अन्य शहरों के लिए प्रेरणा का काम करेगी।
अपने पत्र में सांसद दीपक प्रकाश ने जिक्र किया है कि जैव – सीएनजी संयंत्र लगने से स्वच्छ भारत अभियान के तहत कई शहरों में भूमि के विशाल हिस्से से कचरे के ढेर को हटाने का प्रयास भी होगा। साथ ही कंप्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी) के उपयोग से कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता कम करने, किसानों की आय, मवेशी पालने वाले ग्रामीणों की आय के स्रोत और उद्यमिता बढ़ाने में मददगार साबित होगा। साथ ही झारखंड़ को अपनी कुल ऊर्जा में प्राकृतिक गैसों का योगदान बढ़ाने में मदद मिलेगी।