झारखंड कांग्रेस की विधायक अंबा प्रसाद कथित धनशोधन मामले में पूछताछ के लिए मंगलवार को लगातार दूसरे दिन प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश हुईं। प्रसाद ने दोपहर करीब 3 बजकर 10 मिनट पर ईडी कार्यालय में प्रवेश किया।
ईडी कार्यालय में प्रवेश करने से पहले कांग्रेस विधायक ने कहा, मुझे मंगलवार को पेश होने के लिए कहा गया था। इसलिए मैं यहां हूं। जांच जारी है और मैं एजेंसी के साथ सहयोग कर रही हूं। ईडी के अधिकारियों ने सोमवार को प्रसाद से छह घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी।
यह पूछे जाने पर कि क्या सोमवार को पूछताछ के दौरान केंद्रीय एजेंसी ने जमीन संबंधी कोई मुद्दा उठाया था, विधायक ने कहा, यह सवाल केवल मीडिया पूछ रही है। मुझे नहीं पता कि जमीन हड़ने का मुद्दा कैसे आया। हमें जमीन में कोई दिलचस्पी नहीं है। एक दिन पहले पूछताछ के बाद प्रसाद ने मीडियाकर्मियों को बताया था कि धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत अपना बयान दर्ज कराने के लिए 4 अप्रैल को ईडी के सामने पेश होने के लिए कहा गया था। लेकिन वह स्वास्थ्य कारणों से हाजिर नहीं हो पाईं थीं।
अंबा प्रसाद के पिता और पूर्व मंत्री योगेंद्र साव से कथित जबरन वसूली, लेवी वसूली और जमीन कब्जाने के मामलों में लगातार दो दिन (3 और 4 अप्रैल) को ईडी ने पूछताछ की थी। केंद्रीय एजेंसी ने प्रसाद, साव और अन्य के परिसरों पर कथित उगाही, अवैध रेत खनन और जमीन हथियाने के आरोपों की जांच के सिलसिले में मार्च में छापेमारी की थी।
इससे पहले मार्च में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित जबरन वसूली, लेवी वसूली, अवैध रेत खनन और भूमि कब्जा से संबंधित मामले में जांच के लिए अंबा प्रसाद, उनके पिता और अन्य रिश्तेदारों के आवास और अन्य संपत्तियों पर छापा मारा था। ईडी ने बताया कि छापेमारी में करीब 35 लाख रुपये की अवैध नकदी के साथ ही डिजिटल उपकरण, सर्कल कार्यालयों, बैंकों आदि के नकली टिकट और हस्तलिखित रसीदों और डायरियों आदि के रूप में आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए थे। यह मामला झारखंड पुलिस द्वारा भारतीय दंड संहिता और शस्त्र अधिनियम के तहत साव, उनके परिवार के सदस्यों और उनके सहयोगियों के खिलाफ दर्ज की गई 15 प्राथमिकियों से उपजा है। हालांकि ईडी ने यह साफ नहीं किया है कि नकदी और दस्तावेज कहां से जब्त किए गए।