सावन का महीना भगवान शिव को अतिप्रिय है। सावन के महीने में लाखों-करोड़ों भक्त गंगा जल भगवान शिव को अर्पित करने के लिए पवित्र और फेमस शिवालय में पहुंचते रहते हैं। वहीं झारखंड का देवघर भी एक ऐसा शहर हैं, जहां पौराणिक काल से भगवान शिव शिवलिंग के रूप में विराजमान हैं। हर साल लाखों भक्त जल अर्पित करने और दर्शन करने के लिए देवघर में पहुंचते हैं। ऐसे में अगर इस सावन आप भी देवघर जा रहे हैं और वहां की फेमस जगहों को एक्सप्लोर करना चाहते हैं। तो यह आर्टिकल आपके लिए हैं। हम इस आर्टिकल के जरिए आपको देवघर की कुछ शानदार जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं।
त्रिकूट पर्वत
अगर आप देवघर के आसपास किसी मनमोहक और खूबसूरत जगह जाना चाहते हैं। तो आपको त्रिकूट पर्वत को जरूर एक्सप्लोर करना चाहिए। यह पर्वत अपने हसीन और मनमोहक दृश्यों के लिए काफी ज्यादा फेमस है। यह जगह वॉटरफॉल के लिए भी फेमस है। पर्वत के पास से निकलने वाली मयूराक्षी नदी बेहद खूबसूरत झरनों का निर्माण करती है। आप त्रिकूट पर्वत पर ट्रैकिंग और रोपवे का भी लुत्फ उठा सकते हैं। सूर्यास्त के बाद यहां का नजारा आपको मिस नहीं करना चाहिए।
नौलाखा मंदिर
देवघर से करीब 2 किमी की दूरी पर नौलाखा मंदिर मौजूद है। यह मंदिर काफी ज्यादा फेमस और पवित्र है। बता दें कि यह मंदिर भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी को समर्पित है। बताया जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 9 लाख रुपए में कराया गया था। नौलाखा मंदिर 146 फीट ऊंचा है। इसके साथ ही यह मंदिर जंगलों के बीचो-बीच में होने से आसपास खुशनुमा नजारा देखने को मिलता है।
नंदन पहाड़
देवघर से कुछ दूरी पर नंदन पहाड़ मौजूद है। यह भले ही थोड़ा छोटा है, लेकिन देखने में काफी ज्यादा खूबसूरत है। इसे एक खूबसूरत पार्क के रूप में भी जाता है। बता दें कि स्थानीय लोग इस स्थान पर पिकनिक मनाने के लिए पहुंचते हैं। इस पार्क में एक छोटा सा और खूबसूरत तालाब भी है। ऐसे में आप यहां पर एडवेंचर एक्टिविटीज भी कर सकते हैं। । नंदन पहाड़ अपने सनसेट और सनराइज के लिए भी काफी फेमस है।
देवघर के साथ-साथ इसके आसपास मौजूद अन्य शहरों में भी तपोवन हिल्स और गुफाएं काफी फेमस पर्यटक स्थान माना जाता है। यह जगह भगवान शिव के मंदिर के लिए भी काफी फेमस है। तपोवन हिल्स में कई सारी गुफाएं हैं। बताया जाता है कि इस गुफा में भगवान भोलेनाथ का शिवलिंग भी स्थापित है। साथ ही इसी स्थान पर वाल्मीकि तपस्या करने के लिए पहुंचे थे। सावन में कुछ भक्त यहां पर जल अर्पित करने के लिए पहुंचते हैं।