एक केंद्रीय वायु गुणवत्ता समिति ने शुक्रवार को घोषणा की कि एक नवंबर से केवल इलेक्ट्रिक, सीएनजी और बीएस छह (भारत चरण छह) का अनुपालन करने वाली डीजल बसों को ही दिल्ली तथा हरियाणा, उत्तर प्रदेश एवं राजस्थान के एनसीआर शहरों/नगरों के बीच चलने की अनुमति होगी।
इस कदम का लक्ष्य इस क्षेत्र में डीजल आधारित बसों से फैलने वाले प्रदूषण से निपटना है। इसका अंतिम लक्ष्य इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर बढ़ना है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (एसीक्यूएम) ने यह घोषणा की।
प्रदूषण के स्तर को घटाने की कोशिश के तहत केंद्र ने अप्रैल, 2020 में घोषणा की थी कि भारत में बिकने वाली सभी गाड़ियां भारत चरण छह उत्सर्जन मापदंड पर आधारित होनी ही चाहिए। भारत चरण उत्सर्जन मापदंड कार्बन मोनोऑक्साइड, पार्टिकुलेट मैटर जैसे वायु प्रदूषकों की वह कानूनी सीमा तय करते हैं जिसे भारत में गाड़ियां छोड़ सकती हैं।