crossorigin="anonymous"> दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस जून के अंत तक होगा पूरी तरह चालू, 45 मिनट में तय होगी यात्रा - Sanchar Times

दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस जून के अंत तक होगा पूरी तरह चालू, 45 मिनट में तय होगी यात्रा

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ST.News Desk : राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC) के अनुसार, देश का पहला हाई-स्पीड रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS), जो दिल्ली के सराय काले खां से उत्तर प्रदेश के मेरठ के मोदीपुरम को जोड़ता है, जून 2025 के अंत तक पूरी तरह से चालू हो जाएगा। 82 किलोमीटर लंबे इस “नमो भारत कॉरिडोर” के पूरे रूट पर निर्माण कार्य अंतिम चरण में है और इसका उद्देश्य दिल्ली और मेरठ के बीच यात्रा को सिर्फ़ 45 मिनट में संभव बनाना है।

NCRTC अधिकारियों ने बताया कि 55 किलोमीटर का हिस्सा, जिसमें 11 स्टेशन शामिल हैं, पहले ही चालू हो चुका है। बाकी 27 किलोमीटर पर तेजी से कार्य चल रहा है और उम्मीद है कि यह समयसीमा के भीतर पूरा हो जाएगा। यह प्रोजेक्ट हजारों दैनिक यात्रियों को तेज, आधुनिक और किफायती परिवहन सुविधा देने के उद्देश्य से बनाया गया है।

इस कॉरिडोर का पहला चरण अक्टूबर 2023 में चालू हुआ था और तब से इसका विस्तार चरणबद्ध ढंग से हो रहा है। साहिबाबाद से न्यू अशोक नगर तक का खंड जनवरी 2025 में शुरू किया गया, जबकि वर्तमान में सराय काले खां से न्यू अशोक नगर और मेरठ साउथ से मोदीपुरम तक के दो खंडों पर परीक्षण चल रहा है।

सराय काले खां स्टेशन लगभग बनकर तैयार है, जहां यात्रियों की सुविधा के लिए 12 एस्केलेटर, 4 लिफ्ट, प्लेटफ़ॉर्म स्क्रीन डोर और 5 प्रवेश/निकास द्वार बनाए गए हैं। मेरठ में अंतिम खंड में तीन नए स्टेशन हैं – शताब्दी नगर (एलिवेटेड), बेगमपुल (भूमिगत), और मोदीपुरम (टर्मिनल स्टेशन), जिनमें से बेगमपुल शहर के सबसे व्यस्त क्षेत्रों में से एक है।

इस परियोजना की खास बात यह है कि भारत में पहली बार मेरठ मेट्रो भी RRTS के समान ट्रैक का उपयोग करेगी। 23 किलोमीटर लंबी इस मेट्रो लाइन में 13 स्टेशन हैं, जिनमें से तीन भूमिगत हैं।

अब तक एक करोड़ से अधिक यात्री आरआरटीएस की नमो भारत ट्रेनों में सफर कर चुके हैं। तेज रफ्तार, बेहतर अंतिम मील कनेक्टिविटी और रियायती किराए के चलते यह प्रणाली यात्रियों के लिए एक सुविधाजनक और आधुनिक विकल्प बनती जा रही है।


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