राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से अयोध्या की अर्थव्यवस्था में जोरदार उछाल आया है जिसके चलते ऐसे लोग जोकि पहले दूसरे शहरों में जाकर कामकाज करने या रोजगार तलाशने की सोच रहे थे उन्होंने अपना मन बदल लिया है और अब अयोध्या में ही उन्हें अच्छी आमदनी हो रही है। कई लोग तो अपने घरों को ठीक करा रहे हैं ताकि उसे होम स्टे में बदल कर अच्छी आमदनी कमा सकें। अयोध्या के लोग अपनी आर्थिक स्थिति में हुए सुधार के लिए भगवान राम की कृपा को मुख्य आधार मानते हैं। अयोध्या में आपको इस समय कई ऐसे लोग मिल जाएंगे जोकि अपने घरों के कमरों में श्रद्धालुओं को ठहरा रहे हैं और रोजाना हजारों रुपए कमा रहे हैं। दरअसल प्राण प्रतिष्ठा के बाद से ही अयोध्या में लगातार श्रद्धालुओं का रेला देशभर से चला आ रहा है। अयोध्या में अभी इतने होटल हैं नहीं कि सबको समायोजित कर सकें इसलिए राज्य सरकार ने होम स्टे योजना पेश की थी जिसमें कई लोगों ने अपने घरों का पंजीकरण कराया और अब खूब लाभ कमा रहे हैं।
आप राम मंदिर की ओर जाने वाले राम पथ पर नजर दौड़ाएंगे तो पाएंगे कि हर घर के मालिकों ने पर्यटकों को ‘होम स्टे’ सुविधा देने के लिए अपने घर में कम से कम एक कमरे का नये सिरे से रंग-रोगन करवाकर उसे सभी सुविधाओं से लैस किया है। यहां श्रद्धालुओं को रोजाना 1500 रुपये से लेकर तीन हजार रुपये तक में कमरे मिल जाते हैं। घर मालिकों के अलावा मंदिर में चढ़ाये जाने वाले सामान की दुकान वालों का भाग्य भी बदल गया है। साथ ही भगवान राम की तस्वीरें और मंदिर से संबंधित स्मृति चिह्नों तथा गले में पहनने वाला राम नामी पटका रखने वाले दुकानदारों की भी खूब चांदी हो रही है। दुकानदार कहते हैं कि भगवान राम हम पर अपनी कृपा बरसा रहे हैं। भगवान यहां भक्तों के रूप में आते हैं और हमें बेहतर जीवन जीने में मदद करते हैं। दुकानदारों का कहना है कि नये मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा होने के बाद से शहर में आने वाले लोगों की संख्या काफी बढ़ गई है। इससे हमारे व्यवसाय को मदद मिली है। कई दुकान मालिक मौजूदा ढांचे के ऊपर एक नई मंजिल जोड़कर अपनी दुकानों का विस्तार भी कर रहे हैं।
यही नहीं, रेहड़ी पटरी पर खाने पीने का सामान बेचने वाले भी दिन भर व्यस्त रहते हैं। कई दुकानदार तो खाने पीने का सामान पकड़ाते समय जय श्रीराम जरूर कहते हैं। देखा जाये तो राम पथ पर भोजनालयों और पूजा सामग्री बेचने वाली दुकानों के अलावा, पर्यटन एजेंसियों के कार्यालय और कपड़े, मोबाइल फोन, सहायक उपकरण और उपहार वगैरह बेचने वाली दुकानें भी खुल रही हैं। स्थानीय टूर एजेंसियों का कारोबार भी खूब बढ़ा है। टूर एजेंसी वालों का कहना है कि हम पिछले एक महीने से बुकिंग में बढ़ोत्तरी देख रहे हैं। हमें उम्मीद है कि यह सिलसिला जारी रहेगा। कई टूर मालिक तो ड्राइवरों को अब पूर्णकालिक तौर पर काम पर रख रहे हैं। पहले उन्हें कोई बुकिंग आने पर ही बुलाया जाता था। कई टूर एजेंसी मालिक नई गाड़ियां मंगा रहे हैं।
इस बीच, प्रशासन भी अयोध्या के विकास के लिए पूरे जीजान से लगा हुआ है। अयोध्या मंडल के आयुक्त गौरव दयाल ने बताया, “हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि निर्माण कार्य के लिए जरूरी मंजूरी समय पर दी जाए। चौड़ी सड़कें, बहु-स्तरीय पार्किंग सुविधाएं और श्रद्धालुओं के लिए अन्य सहूलियत जैसे सहायक बुनियादी ढांचे को विकसित करने का काम भी हो रहा है।” गौरव दयाल ने कहा, “हमें उम्मीद है कि अयोध्या आने वाले हर श्रद्धालु, चाहे वह सड़क, रेल या हवाई मार्ग से हो, सभी को सर्वोत्तम सुविधाएं मिलेंगी। इसके लिए ज्यादातर काम पहले ही हो चुका है और शेष काम आने वाले महीनों में पूरा हो जाएगा।”